लखनऊ।बीकेटी,कठवारा निवासी आचार्य शैलेन्द्र बाजपेई से फाल्गुन माह पर बिशेष चर्चा।
लखनऊ, ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का 12वां एवं अंतिम माह फाल्गुन है। फाल्गुन मास को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है। फाल्गुन माह में चंद्र देव का जन्म माना जाता है। मन की चंचलता पर रोक लगाने के लिए इस माह चंद्र देव को जल अर्पित किया जाता है।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी को जानकी नवमी पर माता सीता का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां जानकी का जन्म हुआ था। इस माह कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। इस माह होली से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक आरंभ हो जाता है।
फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष विधान है। इस माह शीतल जल से स्नान करना लाभदायक होता है। इस माह अनाज का प्रयोग कम करना चाहिए और अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए। तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। इस माह रंगीन और सुंदर कपड़े धारण करना चाहिए।