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आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद द्वारा संस्थान में एक कार्यशाला का किया आयोजन

बृजेश कुमार रावत

मलिहाबाद(लखनऊ)।राजधानी लखनऊ के केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा में अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद द्वारा संस्थान में एक कार्यशाला का आयोजन किया आयोजन। इस वार्ता के दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी की 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को संस्थान किस तरह पूरी करने का प्रयास कर रहा है, इस विषय पर संस्थान के निदेशक डा. शैलेन्द्र राजन ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान किसानों की आजीविका बढ़ाने और उनकी आय दोगुनी करने संस्थान नई तकनीकियों के विकास, उनके प्रदर्शन तथा किसानों  को इस संबंध में जागरूक करने में सत्तप्रयत्नशील है। इस अवसर पर डा. मनीष मिश्रा,प्रधान वैज्ञानिक ने संस्थान द्वारा चलायी जा रही फार्मर फर्स्ट परियोजना का उल्लेख किया। डा. मनीष मिश्रा ने बताया कि मलिहाबाद के लगभग 2000 किसान फार्मर फर्स्ट परियोजना से जुड़े हुए हैं। कुछ तकनीकी या जिनको आम के  बागवान अपना सकते हैं जैसे मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन,अमचूर उत्पादन, पोषण, तुड़ाई, पक्वन एवं इन किसानों को सीधे उपभोक्ता से जोड़ने का कार्य इस परियोजना के माध्यम से किया जा रहा है। इस परियोजना की वजह से और गॉंवों के किसान इन तकनीको को अपना रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे है। जैविक खेती भी तेजी से उपभोक्ताओ के बीच लोकप्रिय हो रही है।
डा. राम अवध राम, प्रधान वैज्ञानिक ने इस अवसर पर बोलते हुए  कहा कि किस तरह से जैविक खेती द्वारा किसान कई गुना ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। संस्थान द्धारा विकसित जैविक खेती तकनीक किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय है। डा. वी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने भी संरक्षित खेती के बारे मे बताया। पॉली हाउस में खीरे की खेती से किसान लखपति बन रहे हैं। इसके बारे में विस्तृत जानकारी पत्रकारों को दी गयी। एक हजार वर्ग मीटर ग्रीन हाउस मे टमाटर 80,000 रूपये का शुद्ध लाभ मिल सकता है। फूलों की खेती को ग्रीन हाउस में लगाकर किसान इसे एक उधोग का रूप दे सकते हैं । डा. श्याम राज सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने इस अवसर पर बताया कि वर्टिकल फार्मिग द्धारा सब्जी उत्पादन से किस प्रकार कम जगह में उत्पादन कर किसान इसे एक उधोग के तौर पर अपना सकते है। डा. के.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक ने अमरूद की स्पेलियर तरीके से खेती कर किसान किस तरह कम क्षेत्र में ज्यादा उपज ले सकते है।
इस प्रकार वार्ता में आय उत्पादक बागवानी समिति,नबी पनाह के श्री उपेन्द्र सिंह एवं आम विविधीकरण एवं अनुरक्षण समिति के श्री राम किशोर ने पत्रकारों को बताया कि किसानों की क्या आवश्यकताएं हैं । उन्होंने  कहा कि आम की बिक्री के लिए प्रदेश सरकार की सहायता की आवश्यकता है । श्री उपेन्द्र सिह ने बताया कि समिति से 2000 किसानों को जोड़ा गया है तथा यह संस्थान द्वारा दी गई तकनीकियों को किसानों तक पहुंचाने में  सहायता कर रही है|

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