Breaking News

कन्या भोज के बिना अधूरी रह जाती है,नवरात्रि पूजा

लखनऊ,ब्यूरो: राज प्रताप सिंह।

चैत्र नवरात्रि चल रही है। इस दौरान कन्या पूजन या कन्या भोज को अत्यंत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। नवरात्रियों में देवी मां के सभी साधक कन्याओं को मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं। यह परंपरा काफी समय से चली आ रही है। विशेषकर कलश स्थापना करने वालों और नौ दिन का वृत रखने वालों को लिए कन्या भोज को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि का पर्व कन्या भोज के बिना अधूरा है। लोग कन्या पूजा नवरात्रि पर्व के किसी भी दिन या कभी भी कर सकते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नवरात्रि के अंतिम दो दिनों अष्टमी और नवमीं को कन्या पूजन का श्रेष्ठ दिन माना गया है।

कहा जाता है कि कन्या पूजन के लिए दो से 10 वर्ष की कन्याओं को बहुत ही शुभ माना गया है। कथाओं में कहा गया है कि कन्या भोज के लिए आदर्श संख्या नौ होती है। वैसे लोग अपनी श्रद्धा अनुसार कम और ज्यादा कन्याओं को भी भोजन करा सकते हैं।

कन्या भोज के लिए जिन नौ बच्चियों बुलाया जाता है उन्हें मां दुर्गा के नौ रूप मानकर ही पूजा की जाती है। कथाओं में कन्याओं की उम्र के अनुसार उनके नाम भी दिए गए हैं। दो वर्ष की कन्या को कन्या कुमारी, तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति, चार साल की कन्या को कल्याणी, पांच साल की कन्या को रोहिणी, छह साल की कन्या को कालिका, सात साल की कन्या को चंडिका, आठ साल की कन्या को शाम्भवी, नौ साल की कन्या को दूर्गा और 10 साल की कन्या को सुभद्रा का स्वरूप माना जाता है। यही कारण है कि कन्या भोज या कन्या पूजन के लिए 10 साल से कम उम्र की बालिकाओं को ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

Check Also

72 वर्ष की उम्र में सुशील मोदी का कैंसर से निधन, शोक की लहर

डेस्क। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। दिल्ली …

लोकसभा चुनावों को देखते हुए चकरनगर में तैयारियां तेज हो गईं।

लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज पुलिस और पी ए सी बल के जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च

चकरनगर /इटावा।लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज, पुलिस और पी ए सी बल के जवानों …

जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप को बताया मरू धरा का महान योद्धा

दरभंगा। महाराणा प्रताप की जयंती पर जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *