डॉ0.एस.बी.एस.चौहान,ब्यूरो इटावा
चकरनगर (इटावा)। यह बात अब स्पष्ट हो रही है कि भारतीय संविधान का परिपालन कराने के लिए खासकर गरीब तबके के लोगों को नकेल डालने के लिए किया जाता है बाकी के उच्च स्तर के लोगों पर तो शिकंजा कहीं लाखों में 1-2 पर ही हो पाता है। इस जगह पर हम चर्चा चकरनगर के अंतर्गत हो रही अवैध कार्यों को लेकर करना चाहते हैं। जैसा की सर्वविदित है कि चंबल और उसकी सहायक नदियों से बड़े पैमाने पर खनन का कार्य किया जा रहा है। अब इस समय और भी कार्य में तेजी आ गई क्योंकि बरसात आने वाली है जिससे नदियों में उफान आ जाएगा तो मोरम मिलना संभव नहीं होगी। जो ट्रक और ट्रैक्टर मोरम को लेकर सड़कों पर फर्राटे के साथ निकलते हैं जिनकी बंधोरी प्रति सप्ताह संबंधित विभागों सहित पुलिस अधिकारियों और नेताओं, दलालों की बंधी हुई है उनसे कोई टच करने वाला नहीं है भले ही मीडिया के कर्मचारी वहां अपनी जान खफा दें. कार्यवाही ज्यादातर उन्हीं लोगों पर होती है कि जो अपरिचित हैं या जिनकी पहुंच राजनीतिक हल्की है, दर्जनों या यूं कहें कि पचासों ट्रक और ट्रैक्टर ओवरलोड धड़ल्ले से चलते हैं पर पुलिस खाना पूर्ति के लिए एक या दो का चालान दिखाकर अपने कार्यवाही की इतिश्री कर देती है और पीआरओ सेल के माध्यम से वाहवाही लूटने के लिए सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित कर दी जाती है कि 2 और 10 ट्रैक्टर या ट्रक सीज किए गए। आज हम इस समाचार को मोड़ देते हुए उस जगह पर ले चल रहे हैं जहां पर चकरनगर भरेह रोड पर गोपालपुरा मजरे को जोड़ने के लिए एक संपर्क मार्ग बनवाया जा रहा है जहां पर खुलेआम मोरम का इस्तेमाल किया गया है। आखिर यह मोरम कहां से आई और किसके परमीशन से आई? यह एक जांच का विषय है। चकरनगर- राजपुर रोड पर एक ट्रैक्टर जो फराटे के साथ श्री यमुना नदी की बालू लेकर दौड़ता हुआ चला जा रहा है इस ट्रैक्टर को शायद कानून नहीं देख पा रही है और देख रही है तो हो सकता है कि इस ट्रैक्टर के पास किसी न किसी बड़े अधिकारी या संस्थान का बिना रोक-टोक परमिट जरूर होगा या कि फिर यह दबंग ट्रैक्टर का मालिक है फिर पुलिस या संबंधित अधिकारी की औकात क्या कि जो हाथ डालकर इसके ऊपर कोई कानूनी शिकंजा कस सके। काश! यह ट्रैक्टर किसी गरीब का होता और यह सड़क के इस्तेमाल में की जा रही मोरम किसी गरीब के घर होती तो इसे पुलिस और संबंधित अधिकारी जरूर सीज कर देते। अब आप खुद ही अंदाज लगा सकते हैं इस भारतीय संविधान के लचर अनुपालन का।