लखनऊ ब्यूरो :: जूनियर हाई स्कूलों में शिक्षकों की कमी से छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रभाव के मद्देनजर हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल न होने और अधूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल किए जाने को अदालत ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम सिंह व अन्य को अदालत में तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
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न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने अदालती आदेशों की अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में स्थिति चिंताजनक हो गई है जिससे बड़ी संख्या में छात्रों का हित प्रभावित हो रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि अदालत के पूर्व में दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्या किया जा रहा है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिए जाते हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह व पक्षकार बनाए गए अन्य अधिकारी सुनवाई की अगली तिथि को अदालत में उपस्थित रहें।इस मसले पर हाईकोर्ट के 28 मार्च 2018 को दिए गए आदेश पर निदेशक बेसिक शिक्षा ने अदालत को आश्वासन दिया था कि विभाग समस्या के समाधान के लिए ऐसे सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की व छात्रों की संख्या की जानकारी करने का कवायद कर रहा है। चूंकि इस काम में खासा समय लगेगा, इसलिए कम से कम छह माह का समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा था कि विभाग इसे लेकर सो न जाए और जैसे ही कार्यवाही पूरी हो, इसकी सूचना संबंधित को दे दी जाए जिससे समस्या को दूर करने की कवायद शुरू हो सके।
हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है कि अदालत के पूर्व के आदेश एकदम स्पष्ट थे, फिर भी उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। विभाग ने यह नहीं बताया है कि उसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई। ऐसे में निदेशक व अन्य पक्षकार को नोटिस जारी कर उन्हें तय तिथि को अदालत में पेश होने के आदेश दिए जाएं।
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