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बाढ़ आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षात्मक बैठक की गई।

दरभंगा। आयुक्त आर0के0 खण्डेलवाल की अध्यक्षता में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया एवं संभावित बाढ़ 2016 के पूर्व आवश्यक तैयारियों की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर सभागार में आहूत की गई। बैठक में जिला पदाधिकारी डाॅ0 चन्द्रशेखर सिंह के द्वारा पूर्व में आये बाढ़ के इतिहास की जानकारी दी गई। उन्हांेने बताया कि दरभंगा जिला में सामान्य एवं भीषण बाढ़ आती रही है। 1987, 1993, 1995, 1996, 1998, 1999, 2000, 2001, 2002, 2004, 2007, 2009 एवं 2011 में असाधारण बाढ़ आई थी। वर्ष 2003, 2008, 2009, 2014 एवं 2015 में जिले मे बाढ़ आई थी, लेकिन उसका कोई व्यापक प्रभाव नही पड़ा। जिला में कुल 255 निजी नाव, 161 सरकारी नाव, 03 महाजाल, 90 टेन्ट, 02 जी0पी0एस0 सेट, 125 लाईफ जाॅकेट, 08 इन्फ्लेटेबल मोटरबोट उपलब्ध होने की जानकारी दी। सभी अंचलों मे 400-400 पाॅलिथिन सीट का भंडारण कर लिया गया है। अंचलो द्वारा प्राप्त अधियाचना के आलोक में 100 नये सरकारी देशी नावो का क्रय किया जा रहा है, जिसमें से 10 नाव की प्राप्ति हो गई है। शेष 90 नाव 25 जूलाई 2016 तक उपलब्ध हो जाएगी। जिला में प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या 173 है। प्रशिक्षित मोटरबोट चालक की संख्या 26 है। प्रशिक्षित स्वयंसेवक एवं खोज एवं बचाव में दक्ष मास्टर ट्रेनर कुल 413 हैं।

दरभंगा जिला अन्तर्गत कुल तटबंधो की लम्बाई 232.93 किलोमीटर है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रति किलोमीटर 01 गृह रक्षक की प्रतिनियुक्ति की गई है। अर्थात दरभंगा जिला में तटबंधो की सुरक्षा हेतु कुल 233 गृह रक्षको की प्रतिनियुक्ति की गई है, जिनके साथ संबंधित तटबंधो के कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रखण्डवार कुल हेलीपैडो की संख्या 82 है। प्रखण्डवार चयनित ऊँचे शरण स्थलो की संख्या 279 है। आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा श्री आर0के0 खण्डेलवाल ने पशुओं को भी सुरक्षित रखने हेतु ऊँचे स्थलों को चिन्ह्ति करने का निदेश दिया। पेयजल हेतु आवश्यक टेबलेट उपलब्ध रखने का भी निदेश दिया। सभी अंचलो में वर्षा मापक यंत्र के कार्यरत रहने की जानकारी दी गई।
बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान एवं नजरी नक्शा तैयार कर लिये जाने की जानकारी दी गई एवं उसे कार्य योजना में सम्मलित कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि सत्तू, नमक, चूड़ा, गुड़, मोमबत्ती, दिया-सलाई, किरासन तेल आदि की उपलब्धता हेतु स्थानीय बाजार से दर प्राप्त कर दर निर्धारण अंचलाधिकारियों द्वारा कर लिया गया है। मानव दवा की उपलब्धता हेतु सिविल सर्जन द्वारा आकास्मिक कार्य योजना तैयार कर उपलब्ध करा दिये जाने की जानकारी दी गई। विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य उप केन्द्रों में कुल 116 चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। पशु दवा की उपलब्धता हेतु कार्य योजना तैयार कर ली गई है तथा सभी प्रखण्ड स्तरीय पशु चिकित्सालय में दवा उपलब्ध है। विभिन्न पशु चिकित्सालय में 35 पशु चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। कार्यपालक अभियंता पी0एच0डी0, दरभंगा ने बताया कि सभी बाढ़ प्रवण अंचलों में चिन्ह्ति शरण स्थलों पर पेयजल हेतु चापाकल का अधिष्ठापन कर लिया गया है। शहरी एवं ग्रामीण विद्युत विभाग के द्वारा भी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। नाविकों, नावों के लंबित मजदूरी भाड़े का भुगतान से संबंधित कोई भी मामला लंबित नही है।
आपदा प्रबंधन हेतु जिला को 06 जोन तथा 18 उपजोन में विभक्त किया गया है तथा पदाधिकारियों को जबावदेही दी गई है। जिला नियंत्रण कक्ष जिसका दूरभाष संख्या – 06272-240600 है। 24 घंटा कार्यरत रहने की जानकारी दी गई। तीन पालियों में पदाधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत रहते हैं। जिलाधिकारी महोदय ने आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार और फोन लगाने का निदेश प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन को दिया।
बताया गया कि पंचायत, प्रखण्ड, जिला स्तरीय सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों का संचार योजना तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारी के अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है। आकास्मिक फसल योजना का सूत्रण जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा कर लिये जाने की जानकारी दी गई। एन0डी0आर0एफ0 के प्रतिनिधि के द्वारा बताया कि वे विभिन्न समुदाय एवं अन्य साझेदारो का प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे है। इसके तहत 09 जूलाई से सभी विद्यालयों में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। पूर्व में भी प्राथमिक विद्यालयों में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
आयुक्त महोदय ने जिलाधिकारी को अनुमण्डलवार तैयारियों की समीक्षा करने का निदेश दिया। स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नेहरू युवा केन्द्र के वाॅलंेटियर के साथ भी बैठक कर तैयारी की जाएगी। उन्होंने संचार तंत्र को मजबूत करने हेतु अभियंताओं को अतिरिक्त बायरलेंस सेट रखने का निदेश दिया। जेनरेटर एवं पेट्रोमेक्स की उपलब्धता की जानकारी ली गई। जिलाधिकारी ने बताया कि किरासन तेल सुरक्षित भंडारण कर लिया गया है। संभावित प्रभावित क्षेत्रों के गर्भवत्ती एवं दिव्यांग महिलाओं की सूची आई0सी0डी0एस0 की मदद से तैयार की जा रही है। कार्यपालक अभियंता विद्युत को सभी सरकारी भवनों एवं ऊँचे भवनों के ऊपर बिजली तड़ित यंत्र लगाने का निदेश दिया गया।
उक्त बैठक में आयुक्त के सचिव, अपर समाहत्र्ता, उप विकास आयुक्त, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, बेनीपुर एंव बिरौल, भूमि सुधार उप समाहत्र्ता, वरीय उप समाहत्र्ता, जिला आपूत्र्ति पदाधिकारी, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग, विभिन्न विभागों कार्यपालक अभियंतागण, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग रवीन्द्र कुमार दिवाकर, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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