रामकिशोर रावत
माल (लखनऊ) बिजली संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए वर्षो से मिल रहे आस्वासन से व्यथित किसानों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया।सिंचाई न हो पाने से चौपट हो रही आम की फसल और बिलों की उल्टी सीधी वसूली के बाद जीएसटी की मार से परेशान किसानों ने माल विधुत उपकेंद्र पर अपनी भड़ास निकली।
अधिकारयों से तमाम बार मिलकर समस्या बताने के बाद भी जब राहत नहीं मिली तो किसानों ने एकजुट होकर आंदोलन की राह पकड़ी।फलपट्टी के किसानों के इस दर्द को भाकियू लोकतांत्रिक के मंच से सामने लाया गया।अपनी मांगो में किसानों ने बिजली के गलत बिल सही करने में वसूली करने के बाद भी राहत न मिलने व जले हुए मीटर सूचना देने के बावजूद न बदले जाने की शिकायत की है।यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान की अगुवायी में हो रहे किसान आंदोलन में सैकड़ों किसानों ने शामिल होकर अपने दर्द की हामी दी।यूनियन के जिला उपाध्यक्ष अतुल कुमार दीक्षित ने कहा कि सरकार किसानों के सिंचाई संबंधी कार्यो में जीएसटी नहीं वसूल किया जायेगा।लेकिन नये नलकूप कनेक्शन के लिए तैयार किये जाने वाले प्राक्कलन में अलग अलग जीएसटी वसूल की जा रही है।जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ी हैं।सभी फीडरों की लाइने दशकों पुरानी हो गयी हैं।जहाँ जहाँ चोरों ने लाइन काट ली वहाँ लोहे के तार जोड़कर वर्षो से काम चलाया जा रहा है।तारों के पुराने होने के कारण उनका टेंपर समाप्त हो गया है।लिहाजा आयेदिन तार टूट जाते हैं।अधिक विधुत लोड पर भी लाइने दगा दे जाती हैं।तमाम घरेलू उपभोक्ताओं के बिल अधिक आ जाते हैं।बिल सही करने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है।डिवीजन पर भी कोई सुनने वाला नहीं है।मीटर जल जाने की सूचना देने के बाद भी लंबे समय तक उपभोक्ता दौड़ते रहते हैं।इन्ही समस्याओं के चलते बिल अदायगी में भी देरी होती है।किसानों के इस आंदोलन में एसडीओ वीरेंद्र बहादुर सिंह ने किसानों को बताया कि पावर स्टेशन पर लगे आठ एमबीए के आउटगोइंग ट्रान्सफार्मरो को बदला जा रहा है।अब दस एमबीए के नए ट्रांसफार्मर इंस्टॉल कर दिए गए हैं।शंकरपुर फीडर के लाइन के खंभे बढाये जा रहे हैं।तथा तार भी बदले जाएंगे।यह काम ठेकेदार ने शुरू कर दिया है।जल्द ही अन्य फीडरों के स्टीमेट भी स्वीकृत हो जायेंगे।माल फीडर को दो हिस्सों में बाँट दिया गया है।अब कस्बे को अलग और सम्बंधित गांवो को अलग से बिजली दी जायेगी।अधिकारियों के ठोस आस्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुवा।