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बिहार में भाजपा दरभंगा के मुद्दे पर विभाजित क्यों हो गई ?

(संजय कुमार मुनचुन) :- पटना  भारतीय जनता पार्टी बिहार के दरभंगा में एक व्यक्ति की हत्या पर दिल्ली से पटना तक दो फाड़ में बंट गई है यह विवाद व्यक्ति की हत्या से अधिक उसके कारण को लेकर है जहां उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने जानकारी के आधार पर इसे ज़मीन के एक पुराने विवाद का परिणाम बताया वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने मृतक परिवार द्वारा एक चौक का नाम नरेंद्र मोदी चौक रखने को असल वजह बता रहे हैं 

एक ओर जहां इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गिरिराज सिंह के बिना जानकारी के बयान को ग़लत कहा वहीं सुशील मोदी के तथ्य के आधार पर किये गये उनके ट्वीट के लिए सार्वजनिक मंच से आभार प्रकट किया वहीं इसके उलट दिल्ली से पटना तक भाजपा नेताओं के एक गुट का मानना है कि इस मुद्दे को हवा देकर यादव जाति के वोटर को पार्टी से जोड़ा जा सकता है हालांकि कुछ अति उत्साही नेताओं का यह भी मानना है कि इस घटना को अगर सही से उभारा जाये तो बिहार में यादव जाति का ध्रुवीकरण किया जा सकता है

वहीं मोदी समर्थक विधायक ऐसे तर्कों को खारिज करते हुए कहते हैं कि सबसे पहले गिरिराज सिंह ने कैमरा के सामने स्थानीय पुलिस अधिकारी के ख़िलाफ़ नारे लगाने के लिये उकसाया था वह गलत था उसके बाद ट्वीट कर उन्होंने स्वीकार भी किया हालांकि यादव वोट एक घटना से भाजपा के साथ बिहार की राजनीति में फ़िलहाल लालू यादव का साथ छोड़ कर नहीं आ सकता. वह भी ऐसी स्थिति में जब लालू यादव खुद जेल में हों और उनके बेटे तेजस्वी यादव राजद की तरफ से सीएम के उम्मीदवार हों बावजूद इसके ऐसे नेताओं का मानना है कि अगर पार्टी ने अधिक यादव प्रेम अलाप शुरू किया तो अगड़ी जातियों के ऊपर उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है

बिहार भाजपा के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि चारा घोटाले में जब से लालू यादव को दोषी क़रार दिया गया है और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा और जगदीश शर्मा को बरी किया गया है उसका ख़ामियाज़ा भाजपा और नीतीश कुमार दोनों को उठाना पड़ सकता है इसकी एक बड़ी वजह है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को जेल क्यों और मिश्रा को बेल क्यों जैसे नारे बिहार  की गलियों में गूंज रहे हैं हाल ही के उपचुनाव में लालू यादव की अनुपस्थिति में सबने महसूस किया कि जहां राजद का कार्यकर्ता से लेकर वोटर तक मुस्तैद और सक्रिय दिखा वहीं तेजस्वी को सामने देख एनडीए में गजब की सुस्ती देखने को मिली

सबसे बड़ी गलती बिहार भाजपा के नेता मानते हैं कि उनका केंद्रीय नेतृत्व नीतीश कुमार को कम आंक रही है उनका कहना है कि जब अपने सरकार के पहले वर्ष में नीतीश कुमार ने  क़ानून तोड़ने वाले अपने पार्टी के सुनील पांडेय और अनंत सिंह को जेल भेज दिया लालू यादव के साथ सरकार में रहने के बावजूद उन्होंने राजबल्लभ यादव और मोहम्मद शहाबुद्दीन को जेल भिजवाने में कोई कसर नहीं छोड़ा तो फिर वह दंगा भड़काने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे पर नरमी बरतेंगे ये उम्मीद करना बेकार है

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