जून में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों साथ बैठक कर अमान्य स्कूल बंद कराने की रणनीति तैयार की थी।
राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के साथ ही मदरसों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।इसी क्रम में बिना मान्यता के राजधानी लखनऊ में चल रहे स्कूल और मदरसों पर शिक्षा विभाग के सख्त तेवर का असर नजर आने लगा है।2 जुलाई से शुरू हुए अभियान के तहत अब तक राजधानी के करीब 172 अमान्य स्कूल बंद कराए गए हैं,इनमें 9 ऐसे स्कूल भी हैं जो मदरसा के नाम पर चलाए जा रहे थे।जून में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों साथ बैठक कर अमान्य स्कूल बंद कराने की रणनीति तैयार की थी।
इसके लिए बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों की संयुक्त टीमों का गठन कर 2 जुलाई से अमान्य स्कूल बंद कराने का अभियान चलाने को कहा गया।डीएम ने यह भी कहा था कि स्कूल बंद कराने में जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें भी शिक्षा विभाग का सहयोग करेंगी।इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है।बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अमरकांत ने बताया कि जहां कुछ स्कूल पूरी तरह बंद कराए गए हैं।
वहीं कई स्कूल ऐसे हैं,जो प्लेग्रुप के नाम पर पांचवीं या आठवीं कक्षा तक पढ़ा रहे थे।इसके अलावा घरों और कोचिंग के नाम पर चलने वाले स्कूलों को बंद कराया गया है।इस बार के अभियान की खास बात यह भी है कि विभाग सिर्फ अमान्य स्कूल ही नहीं मदरसों पर भी कार्रवाई कर रहा है, जबकि इससे पहले के सालों में मदरसे के नाम पर चलने वाले अमान्य स्कूल बच जाते थे।
उन्होंने बताया कि अमान्य स्कूल चलाने पर 1 लाख रुपये जुर्माना लगेगा।इसके बाद भी अमान्य स्कूल न बंद करने पर रोज 10 हजार रुपए के हिसाब से जुर्माना लगेगा।साथ ही मनमानी करने वाले अमान्य स्कूल संचालकों पर एफआईआर होगी।