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बिहार :: मशहूर गायक अजीत कुमार अकेला का निधन

पटना : पारंपरिक व छठ लोकगीतों के मशहूर गायक 55 वर्षीय अजीत कुमार अकेला का रविवार की देर रात निधन हो गया. रविवार को वे राजापुर पुल के समीप श्रीराज कॉम्प्लेक्स अपार्टमेंट स्थित अपने फ्लैट में थे. अचानक उनकी तबियत बिगड़ गयी. अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उनकी मौत गयी. वे अपने पीछे पत्नी, बेटी लवी व बेटे अंकुर राज को छोड़ गये हैं. बड़ी संख्या में रंगकर्मियों व कलाकारों की उपस्थिति में उनका दाह संस्कार गुलबी घाट पर किया गया. मुखाग्नि पुत्र अंकुर राज ने दी.

एक जुलाई को जाना था मॉरीशस 
जानकारी के मुताबिक अकेला को मॉरीशस में हो रहे महोत्सव में भाग लेने के लिए बिहार सरकार की तरफ से एक जुलाई को मॉरीशस जाना था. रविवार को उन्होंने इसके लिए कुछ खरीदारी भी की थी और देर शाम 10.30 बजे घर वापस लौटे. उसके बाद खाना खाकर सोने चले गये. थोड़ी देर बाद ही बेचैनी की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उनको बोरिंग रोड स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने मौत का कारण ब्रेन हेमरेज कहा.

अंतिम यात्रा में वित्त मंत्री सिद्दीकी समेत शामिल हुए कई लोग
अकेला की अंतिम यात्रा में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, शिक्षाविद केदारनाथ पांडेय सहित कई रंगकर्मी-कलाकार शामिल हुए. कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री की अनुपस्थिति में उनकी तरफ से विभाग के निदेशक सत्यप्रकाश मिश्रा, आप्त सचिव विनय कुमार, उप निदेशक संजय कुमार व विभा सिन्हा ने श्रद्धांजलि दी.

जिनके गीत छठ घाटों पर बजते रहे
लोकगायक अजीत कुमार अकेला का पूरा जीवन संगीत के प्रति समर्पित रहा. महज 10 साल की उम्र से ही गायन प्रारंभ करने वाले अजीत अकेला ने 45 वर्षों की अपनी संगीत यात्रा के दौरान पांच हजार से अधिक गीत गाये. उनको बिहार सरकार ने सबसे पहले वर्ष 1995 में महेंद्र मिसिर भोजपुरी सम्मान और फिर वर्ष 2014 में बिहार कला पुरस्कार से सम्मानित किया था.

वर्ष 1984 से संगीत शिक्षक : पटना जिले के संपतचक ब्लॉक के फतेहपुर गांव के मूल निवासी अजीत वर्ष 1984 से ही संगीत शिक्षक होने के साथ ही रेडियो के बी हाइ ग्रेड आर्टिस्ट भी रहे.

वर्तमान में उनकी पोस्टिंग पटना कॉलेजियट स्कूल में थी. अजीत अकेला ने अनुराधा पौडवाल से लेकर मो अजीज, रेखा राव, कविता कृष्णमूर्ति, अनुपमा देशपांडे व सपना अवस्थी सहित कई मशहूर सिंगर के साथ आवाज दी. शारदा सिन्हा व विंध्वासिनी देवी के बीच वे एकमात्र पुरुष गायक थे, जिनके छठ गीत आज भी प्रेम से छठ घाटों पर बजते हैं. अपने कैरियर में उन्होंने गीतों की क्वालिटी पर कभी समझौता नहीं किया.

सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक गायक अजीत अकेला के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक प्रख्यात लोक गायक व सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. वहीं उनके निधन पर बिहार कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री शिवचंद्र राम ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने गीतों के माध्यम से श्रोताओं के दिलों पर राज करते थे.

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