पटना : बिहार में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच चुका है. राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार द्वारा राजग कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद यह दरार बढ़ने लगी थी.
इस संबंध में जल्द ही घोषणा होने की बात कही जा रही है. बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने लालू यादव और उनके परिवार पर लग रहे आरोपों से अपनी पार्टी को दूर करने का फैसला कर लिया है.
आला सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार राजद सुप्रीमो को और समय देने को तैयार थे लेकिन लालू के बीजेपी से समझौते के प्रयासों के चलते ऐसा नहीं होगा. लालू के बीजेपी से दूरियां कम करने के प्रयासों से नीतीश कुमार की स्थिति डांवाडोल हो सकती थी.
243 सीटों वाली राज्य विधानसभा में जदयू के पास 71 सीटें और राजद के पास 80 सीट है. बीजेपी के पास 53 सीटें हैं.
बता दें कि नीतीश कुमार और लालू यादव साल 2015 में विधानसभा चुनावों के दौरान एक साथ आए थे. दोनों ने बीजेपी को हराने के लिए हाथ मिलाया था. इससे पहले दोनों लगभग 20 साल तक एक दूसरे के विपक्ष में थे.
महागठबंधन में टूट की बातें पिछले सप्ताह जदयू के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन पर टिके रहने के बाद तेज हो गई थी. राजद और कांग्रेस ने मीरा कुमार को समर्थन दिया है और उन्होंने जदयू को भी अपना फैसला बदलने को कहा था. लेकिन जदयू ने साफ कर दिया था कि वह अपना फैसला नहीं बदलेगी.