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बिहार :: ‘‘वर्णपट विज्ञान की उपयोगिता : एक विहगम दृष्टि विषय‘’ पर सेमिनार का आयोजित

दरभंगा : शनिवार को एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा के रसायन विज्ञान विभाग में ‘‘वर्णपट विज्ञान की उपयोगिता : एक विहगम दृष्टि विषय‘’ पर सेमिनार का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा एवं अरबी फारसी विश्वविद्यालय पटना के कुलपति प्रो सैयद मुमताजुद्दीन ने मिथिला विश्वविद्यालय में बिताए गए अपने तीन साल के कार्यकाल का वर्णन करते हुए कहा कि यहाँ बहुत प्यार मिला एवं यहाँ किए गए काम के बदौलत ही कुलपति का पद मिला एवं वे काम आज वहाँ के विश्वविद्यालय के संचालन में मदद कर रहा है। उद्घाटनकर्ता लनामिवि के कुलपति प्रो सुरेन्द्र कुमार सिंह ने एमएलएसएम कॉलेज में लगातार शैक्षणिक कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि ऐसा कार्यक्रम लगातार चलना चाहिए। संचालन कर रहे रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि आज वर्णपट विज्ञान रसायनज्ञों के अख्तियार से बाहर निकलकर समाज के अधिकार में आ गया है। पेय पदार्थ भोज्यसामग्री में मिलावट की जांच में बिमारियों की जांच खासकर कसा के रसौली एवं मस्तिष्क के लिए डत्प् जॉच आज के युग के लिए महत्वपुर्ण नैनो पदार्थो की पहचान एवं गुणों के अध्ययन के लिए वर्णपट मापन का काफी उपयोग है। सेमिनार को संबोधित करते हुए स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार गुप्ता ने भी वर्णपट विज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं उसके संक्षिप्त उपयोगिता की चर्चा की। सर्वप्रथम विभाग के शिक्षकगण डा बाबुनन्द चौधरी एवं लोकनाथ झा ने अतिथियों का मिथिला के परंपरानुसार पाग चादर एवं पुष्प् गुच्छ से स्वागत किया। समारोह की अध्यक्षता उर्दू के साहित्कार एवं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा मुश्ताक अहमद ने किया। उन्होंनें सैयद मुमताजुद्दीन साहब को यहॉ आने के लिए आभार व्यक्त किया एवं महाविद्यालय के उतरोत्तर शैक्षणिक विकास करने का भरोसा दिलाया। धन्यवाद ज्ञापन डा बाबूनन्द चौधरी ने किया।

द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता लनामिवि दरभंगा विभागाध्यक्ष प्रो एस के गुप्ता ने की एवं रिर्पातियर लोकनाथ झा थे । मुख्य वक्ता प्रो सैयद मुमताजुद्दीन ने अपने भाषण में ‘’ गागर में सागर‘’ वाली कहावत का चरितार्थ कर दिया। उन्होंने बिल्कुल प्रारंभिक परिचय से प्रारंभ कर वर्णपट के विभिन्न प्रकार उसका पदार्थ पर प्रभाव उस प्रभाव से होने वाले परिवर्तन एवं उसका हमारे दैनिक जीवन में महत्व को विस्तार से व्याख्या की उनका व्याख्यान बहुत ही सरल भाषा में परंतु अत्यंत सारग्रभित रहा। छात्रों, शिक्षकों एवं आम लोगो के लिए भी यह व्याख्यान काफी उपयोगी साबित हुआ। वर्णपट विज्ञान जैसे गुढ़ विषय को इतने सरल भाषा में समझाना एक कला ही है जिसमें प्रो मुमताजुद्दीन माहिर साबित हुए। स्नातक, स्नातकोत्तर वर्ग के छात्रों के लिए वर्णपट विज्ञान सरल हो गया जिसका फायदा उन्हें परीक्षा में मिलेगा। वही शोधार्थी को अपने शोध परियोजना को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी एवं शिक्षकों को अपने अध्ययन को और सुसंगत करने में मदद मिलेगी। 
इस अवसर पर लनामिविवि के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो स्वतंत्रेश्वर झा को पाग, चादर, एवं पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। इस सेमिनार में स्नातकोत्तर छात्रों के अतिरिक्त सीएम विज्ञान कॉलेज के प्रो रतन कुमार चौधरी, प्रो एस एन झा, प्रो अजय मिश्र, डॉ अशोक कुमार झा, डॉ बाल गोविन्द ठाकुर, डॉ संजय कुमार चौधरी, डा अशोक कुमार कंठ, एमआरएम कॉलेज के डॉ विवेकानन्द झा, मारवाड़ी कॉलेज के एस के गुप्ता, जेएमडीपीएल कॉलेज, मधुबनी के डॉ आदित्य लाल दास, ललन कुमार झा शोधार्थी में पांशुप्रतीक आनन्द कुमार झा, ललन कुमार झा एमएमटीएम कॉलेज के संजय कुमार झा आदि उपस्थित थे। समारोह की सफलता छात्रों के उत्साह एवं मुख्यवक्ता से अन्तर्किया से साफ-साफ झलक रहा था।

इस सेमिनार के भाषण का विडियो यू ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा जिससे दुनिया के सारे इच्छुक लोग इसका लाभ उठा सकेंगें।

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