जालन्धर (अमित अरोड़ा/एस.के.चावला) : जहाँ एक ओर लोकपाल ने जालन्धर में बन रही अवैध बिल्डिंगों एवं सरकारी जमीन पर लोगों द्वारा किये गए अवैध कब्जे पर शिकंजा कसा हुआ है।वही दूसरी ओर जालन्धर के पॉश एरिया माने जाने वाला जी.टी.बी.नगर में पुडा द्वारा बनाई गई मार्किट जो कि एरिया में भाई जेता जी के नाम से काफी मशहूर है। जब इस मार्किट का निर्माण किया गया था तब लोगों के चलने के लिए पुडा द्वारा बरामडे (मार्किट में लोगो के पैदल चलने के लिए) छोड़ कर दुकानें थोड़ी पीछे हट कर बनाई गई थी। पुडा के रूल्स एव रेगुलेशन के मुताबिक कोई भी दुकानदार दुकानों को पुडा की इजाज़त के बिना कोई मेजर निर्माण एवं अल्ट्रेशन नही कर सकता।परंतु आज मार्किट का मंज़र ये है कि तकरीबन सभी दुनकदारो ने पुडा द्वारा दुकान के आगे छोड़े गए बारामदों पर नाज़ेज़ कब्जे कर के पुडा के रूल्स की सरेआम धज्जियां उड़ाई है। जब हमने वहाँ मौजूद एक दुकानदार से बात की तो जो उसने बताया उससे सुनकर हम दंग रह गए उस दुकानदार ने कहा कि वरणदो की रजिस्ट्री उनके नाम पर है।
जब इस सबंध में हमारे पत्रकार ने पुडा के एक अधिकारी से फोन पर की तो उन्होंने बताया कि पुडा द्वारा छोड़े गए वरणदो पर कोई कब्ज़ा नही कर सकता और ये एक अपराध है इसके साथ साथ उन्होंने ये भी बताया कि कुछ साल पहले पुडा ने मार्किट को नगर निगम को हैंडओवर कर दिया था अब ये मार्किट नगर निगम की देखरेख में है। दूसरी ओर जब हमने नगर निगम के इंस्पेक्टर से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम के संपत्ति पर किसी की रजिस्ट्री करवाने का कोई अधिकार नही है और न ही नगर निगम रजिस्ट्री करवा सकता है।
अब देखना ये होगा कि इस मामले में दुकानदार सही है या सरकारी महकमे सही है।अगर पुडा एवं नगर निगम ने जो कहा है वो सही है तो पुडा या नगर निगम दुकानदारों द्वारा किए गए इन नाज़ेज़ कब्जो को हटवायेगी या लोग इसी तरह सरेआम सरकारी जगह पर कब्जे करते रहेंगे।