जालन्धर (अमित अरोड़ा/गगनदीप सिप्पी) : आज जहाँ पर्यावरण को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें करोड़ो का खर्चा कर रही और आम जनता को पर्यावण बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं आज जालन्धर के मॉडल टाउन मार्किट में जिम्मी सैलून के मालिक ने पर्यावरण एवं सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उसकी दुकान के बाहर कई सालों के लगे पेड़ को नाजायज तरीक़े से सुबह सुबह अपने बंदे बुला कर कटवाना शुरू कर दिया।यहाँ बता दें कि जिम्मी सैलून के मालिक के पास पेड़ काटने की या पेड़ कटवाने की कोई लिखित अनुमति भगवान विभाग के अधिकारियो से नही ली गई।जब दो बंदे पेड़ को काट रहे थे तो एक राहगीर ने पेड़ काट रहे मजदूरों से पूछा कि क्या आप भगवान विभाग से तो उन्होंने बताया कि नहीं, उन्हें पेड़ काटने के लिए जिम्मी सैलून के मालिक ने कहा है।तब उस राहगीर ने मॉडल टाउन मार्किट में स्थित भगवान विभाग को फोन करके इस घटना की सूचना दी और तब भगवान विभाग के अधिकारियों ने पेड़ काट रहे दो बंदों को मौके पर हिरासत में लेकर भगवान विभाग ले गए जहाँ उन्हें कुछ देर बिठा कर बाद में छोड़ दिया गया।
अब सवाल ये उठता है कि अगर राज्य सरकार पर्यावरण बचाने के लिए लाखों रुपये खर्च करके आम जनता को जागरूक करती है और विश्व पर्यावरण दिवस पर हर इंसान अपने आस पास एक पेड़ लगाता है और सरकार भी लोगों को साल में अपने आस पास एक पेड़ लगने को कहती है परंतु आज जो मॉडल टाउन मार्किट में एक दुकानदार ने किया क्या वह सही है?
क्या अगर हम ऐसे ही पेड़ काटते रहें तो पर्यावरण कहाँ से बचेंगा ?
सरकार के पर्यावरण बचाओ अभियान की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है, क्या ये सही है?