डेस्क : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई में जल्द ही इंस्ट्रक्टर बहाल होंगे। श्रम संसाधन विभाग ने संविदा पर 2000 इंस्ट्रक्टर बहाल करने का निर्णय लिया है। प्रस्ताव बनकर तैयार है। जल्द ही कैबिनेट के समक्ष इसे भेजा जाएगा। कोशिश है कि मार्च के पहले इंस्ट्रक्टरों की बहाली पूरी कर ली जाए।
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बिहार में अभी 149 सरकारी आईटीआई हैं। इसमें पढ़ाने के लिए नियमित शिक्षकों की संख्या काफी कम है। आईटीआई में प्रशिक्षणार्थियों के लिए अभी लगभग 2 हजार इंस्ट्रक्टरों की आवश्यकता है। बीते वर्षों में सरकार ने मात्र 150 इंस्ट्रक्टरों को संविदा पर बहाल किया था। इसके बाद तकनीकी कारणों से बहाली रूक गई। तब विभाग ने अतिथि शिक्षक रखने का निर्णय लिया। इसमें जब शिक्षकों की सूची बनी तो उस पर विवाद हो गया। तब विभाग ने नए सिरे से अतिथि शिक्षक रखने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन, इसकी संख्या भी बमुश्किल 800 तक आ सकी और यह कारगर नहीं हो सकी। अपनी सुविधा के अनुसार अतिथि शिक्षक आईटीआई में आ रहे हैं। इसका सीधा असर पठन-पाठन पर हो रहा है।
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विभाग ने दो हजार इंस्ट्रक्टर बहाल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पहले से काम कर रहे इंस्ट्रक्टरों की तरह इन्हें भी 34 हजार महीना मानदेय दिया जाएगा। बहाली के लिए क्रॉफ्टसमैनशिप या डिप्लोमा पास की योग्यता तय की जाएगी। संविदा पर बहाल होने वाले इंस्ट्रक्टरों की सेवा हर साल जरूरत के अनुसार बढ़ाई जाएगी। मार्च तक सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
वहीं, अधिकारियों ने कहा कि संविदा के अलावा विभाग नियमित बहाली पर भी काम कर रहा है। संविदा पर बहाली की प्रक्रिया पूरी होते ही स्थायी बहाली के प्रस्ताव पर काम होगा। जो लोग ठेका पर काम करेंगे, उनको स्थायी बहाली में कुछ अंकों का वेटेज दिया जाएगा। श्रम संसाधन विभाग बीते पांच-छह वर्षों से इंस्ट्रक्टरों की बहाली में लगा है। हर बार मामला न्यायालय में जाने के कारण लंबित रह जाता है। इस बार कोशिश है कि राज्य सरकार नियमावली बनाकर इंस्ट्रक्टरों की बहाली करे ताकि उसे न्यायालय में चुनौती नहीं दिया जा सके।