रामकिशोर रावत
माल(लखनऊ) माल इलाके को रहीमाबाद पावर स्टेशन से जोड़ा गया तो किसानों को उम्मीद बंधी थी की अब बिजली की समस्या दूर हो जायेगी।नगरीय क्षेत्र का बिल अदा कर रहे घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता आजिज हैं।दूसरी ओर आम के बागों व मेंथा जैसी फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को बिजली नहीं मिल रही।जिससे फसले ख़राब होने की नौबत आ गयी है।आम के बागों में सिंचाई की इस समय अत्यधिक जरूरत है।किसान सरकारी व निजी नलकूपो पर आश लगाये बैठे रहते हैं।सरकारी सिंचाई के साधन तो भगवान भरोसे हैं ।निजी साधन भी बिजली के मौजूदा आपूर्ति सिस्टम के चक्कर में काम नहीं आ रहे।नगरीय आपूर्ति की दरों पर बिल अदा कर रहे घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता भी खासे नाराज हैं।पावर कारपोरेशन ने बिल बकाया होने पर कनेक्शन काटने में तो बहुत तत्परता दिखायी अब सुचारु तौर पर बिजली नहीं दे पा रहा है।लो बोल्टेज भी यहाँ सभी फीडरों की समस्या है।जिसके कारण तमाम उपकरण चल ही नहीं पाते।कुछ जागरूक किसानों ने कारपोरेशन के बड़े अफसरों को भी अपना दर्द बताया फिर भी कोई समाधान नहीं है।मलिहाबाद विधानसभ क्षेत्र में बिजली का यह मामला लंबे समय से राजनीति के केंद्र में रहा है।पहले दुबग्गा सब पावर स्टेशन से यहाँ बिजली आती थी।जिसे पूर्ववर्ती सरकार के समय में रहीमाबाद में बने नए पावर स्टेशन से जोड़ा गया।बताया गया की अब क्षेत्र में लो बोल्टेज और लाइन टूटने की समस्या समाप्त हो जायेगी।तीन वर्ष भी नहीं बीते यह नयी लाइन भी दगा देने लगी।किसी समय बिजली की समस्या को लेकर जो राजनीतिक लोग आयेदिन धरने पर बैठ जाया करते थे वह भी कही नहीं दिखायी देते।किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान भी मौजूदा बिजली व्यवस्था से नाखुश नजर आये।उन्होंने कहा की जो जनप्रतिनिधि चुनाव के समय छोटे छोटे मामलों पर धरना दे दिया करते थे आज उनकी जुबानों पे ताले लगे हैं।किसान दर बदर भटक रहे हैं जिनकी कोई सुनने वाला नहीं है।उन्होंने कहा की जल्द समस्या दूर नहीं हुई तो यूनियन बड़ा जनांदोलन कर सरकार को नींद से जगाएगी।