दरभंगा (विजय सिन्हा) : सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। बीते दिन नहाय खाय के बाद सोमवार को छठ व्रतियों ने खरना किया है। छठ व्रतियों ने खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर चावल का खीर और अन्य प्रसाद को बनाया। प्रसाद चढ़ाने के बाद उस प्रसाद को ग्रहण किया गया और लोगों के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया। ऐसी मान्यता है कि शुद्धता के प्रतीक माने जाने वाले सूर्योपासना के इस पर्व में मिट्टी के चूल्हे पर खरना का प्रसाद बनाया जाता है। बता दें कि खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
महापर्व छठ पूजा को लेकर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में छठ घाट सजधज कर तैयार हो गए हैं। शहरी क्षेत्र के 80 और ग्रामीण क्षेत्र के 271 छठ घाटों पर दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है। सभी जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही समाहरणालय में 14 नवंबर तक के लिए नियंत्रण कक्ष खोला गया है। जो 24 घंटे खुले रहेंगे। किसी भी तरह की सूचना और जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष के नंबर 06272-240600 पर फोन कर सकते हैं, एसी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी गरिमा मलिक संयुक्त रूप से सोमवार को छठ घाटों का निरीक्षण कर विधि व्यवस्था का जायजा लिया।
संबंधित पुलिस पदाधिकारियों व दंडाधिकारियों को चौकस रहने का आदेश दिया। संदिग्धों पर पैनी नजर रखने को कहा गया। साथ ही किसी तरह की सूचना मिलने पर अविलंब वरीय पदाधिकारियों से शेयर करने को कहा। सभी पुलिस कर्मियों को 14 नवंबर तक प्रमुख व चिन्हित छठ घाटों पर तैनात रहने की हिदायत दी । सभी घाटों पर महिला पुलिस बल की अनिवार्य रूप से तैनाती करने की बात कही ।
गौरतलब है कि मंगलवार को व्रत धारण करने वाली महिलाएं विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगी। नहाय खाय के बाद सोमवार को व्रतियों ने खरना किया और परिवार के सदस्य पूजा के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले सामानों की खरीदारी में दिनभर लगे रहे।
पूजा को लेकर जिला मुख्यालय के तमाम घाटों की सफाई का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। कुछ घाटों पर बुधवार को भी साफ-सफाई व रंग रोगन का काम चलता रहा। घाटों पर सफाई का कार्य पूरा होने के बाद उन्हें सजाने-संवारने का कार्य भी तेज हो गया है। वैसे घाट जो शहरी इलाके से दूर हैं, वहां भी लोग अपने स्तर से घाटों की सफाई के कार्य को अंतिम रूप दे चुके हैं तथा उन घाटों पर रोशनी के प्रबंध किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी निर्जला व्रत धारण करने के बाद व्रत धारण करने वाले व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगे। बुधवार की तड़के भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस लोक आस्था के पर्व का विधिवत समापन हो जाएगा।