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विशेष :: महिला उत्पीड़न में दहेज प्रथा की अहम भूमिका

लखनऊ(राज प्रताप सिंह) एक तरफ जहां भारत में ट्रिपल तलाक को लेकर महिलाओं की सुरक्षा पर आवाज उठ रही है।चंद पीड़ित महिला का सहारा लेकर खूब चर्चा चलाई जा रही है।वहीं दूसरी तरफ समाज की प्रमुख बीमारी दहेज प्रथा की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं होता दहेज प्रथा महिलाओं के लिए अभिशाप है।हर रोज खबरों के माध्यम से ज्यादा संख्या में दहेज के कारण महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न व जिंदा जलाने की ख़बरें मिलती रहती हैं दहेज के कारण महिलाएं  पीड़ित है दहेज के कारण महिलाओं को ससुराल वाले घर से बाहर निकाल देते हैं दहेज प्रथा के कारण लड़की के मां बाप दुखी रहते हैं।दहेज प्रथा के कारण लड़की को पेट में ही उसकी हत्या कर दी जाती है। दहेज की रीत रिवाज के कारण लड़की के पैदा होने से मां-बाप के चेहरे पर उदासी छा जाती है ।और दहेज प्रथा के बहुत से मामले तो ऐसे हैं जो समाज के सामने ही नहीं आते हैं।महिलाएं घुट-घुट कर अपना जीवन जीने पर मजबूर बेबस और लाचार रहती हैं लेकिन महिलाओं के ऐसी हालत को देखने समझने वाला आवाज उठाने वाला कोई नहीं है क्या सिर्फ तीन तलाक समाज और मीडिया के लिए बीमारी है। बल्कि सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर दहेज के मामले पर होता है। दहेज के कारण महिलाओं पर अत्याचार पहले अनपढ़ और जाहिल किया करते थे। लेकिन वर्तमान स्थिति में पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी इसका शिकार हैं। दहेज की खातिर लड़की को जिंदा जलाने की खबरें हर रोज मिलती हैं। सुनकर बहुत ही ताज्जुब होता है कि हमारा देश किस राह पर निकल पड़ा है। दहेज प्रथा के खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं ।लेकिन फिर भी हर रोज महिलाओं पर हो रहे अत्याचार देखने को मिलता है। समाज में जितनी भी शादी होती हैं लड़की वाले अपनी हैसियत के अनुसार दहेज जरूर देते हैं। अमीर लोग अपनी अमीरी के हिसाब से दहेज देते हैं ।लेकिन आश्चर्य की बात यह है किस शादी में सभी महान हस्ती शामिल होते हैं जिसमें नेता,बड़े प्रशासनिक अधिकारी व समाज मे ऊंचे पदों पर बैठे कई वर्गों के लोग आमंत्रित होते हैं। लेकिन इस सामाजिक बुराई की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता और शादी में दिए जाने वाले दहेज जैसे अपराध व कानून का उल्लंघन होते हुए अपनी आंखों से देखकर भी शादी का लुफ्त लेते हैं। दहेज में दी गई मर्सडीज कार,एलसीडी और  फ्रिज  की प्रशंसा करते हैं। दहेज प्रथा कानून के तहत इस पर कोई सख्त कार्रवाई या सख्त निर्देश नहीं दिए जाते हैं। और इस पर कोई चर्चा भी नहीं होती है शादी में दहेज की मांग करना और दहेज देना या दहेज देने पर प्रशंसा करना यह कानूनन अपराध है। दहेज प्रथा से ज्यादा संख्या में महिलाओं की जिंदगी बर्बाद होती जा रही है ।असल में महिलाओं की हिफाजत और सुरक्षा दहेज प्रथा की रीत को खत्म करने से होगी अगर भारत सरकार द्वारा लोकतंत्र में वास्तव में महिलाओं की सुरक्षा और दहेज प्रथा जैसे अपराध को चर्चा में लाकर उसको खत्म करने का सख्त कानून बनाया जाए तो वास्तव में भारत के अंदर बहुत से अपराध को रोका जा सकता है।
   — अब सवाल ये उठता है किस समाज के लोग एक तरफ जहां ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारा देते हैं। वहीं दूसरी तरफ महिलाओं पर हो रहे दहेज रूपी अपराध पर मूकदर्शक बने रहते हैं।

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