पटना/बिहटा (मृत्युंजय कुमार) : – बिहटा थाना क्षेत्र के पालीगंज के परियो गांव स्थित अपने पिता के घर आयी नौबतपुर थाना डीहरा गांव के पतोहू की प्रसव कराने के दौरान बिहटा रेफरल अस्पताल में मौत हो गयी.। गेनू चौधरी की 22 वर्षीय पत्नी सरिता देवी की मौत की खबर सुनते ही अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया । वही परिजनो का आक्रोश और कोहराम से भयभीत होकर मौके का फायदा उठाकर डॉक्टर पीछे के दरवाजे से फरार हो गये। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे परिजनो ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया । उधर मृतक महिला के पिता मंजीत चौधरी और मां सहित उनके साथ आये परिजनों में रो रो कर बुरा हाल था। घटना की खबर के बाद मातम छा गया। सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर नौबतपुर के डीहरा निवासी सरिता बिहटा थाना अंतर्गत मुस्लिम राघोपुर अपने फुआ के घर आई हुई थी । सुबह छह बजे पेट में दर्द होने लगा तभी स्थानीय आशा की मदद से एम्बुलेंस बुलवाया गया और बिहटा रेफरल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।पूरे पांच घंटे के बाद हालात में सुधार नही होने पर चिकित्सक के द्धारा पटना रेफर कर दिया गया। मृतक की चाची ने बताया कि रेफर करने के बाद आर्थिक तंगी के कारण पटना निजी अस्पताल में जाने से असमर्थता जाहिर करने पर एएनएम नीतू देवी , मीणा कुमारी ने अपने देखरेख में निजी अस्पताल में इलाज करवाने की आश्वाशन देकर इलाज शुरू कर दिया।वही दोनो एएनएम ने इलाज के पहले छः- छः सौ रुपये तय करवाये और रेफरल अस्पताल में ही इलाज शुरु की लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो गयी।वहीं उपस्थित परिजनों ने बताया की इलाज के दौरान जब काफी समय बीतने पर जब महिला को प्रसव नहीं हो पाया, तो अप्रशिक्षु भाड़े पर रखे महिला नर्सों द्वारा कोई दवा बाहर से मंगवाया और सरिता को दे दिया गया। तत्पश्चात अपराह्न करीब दो बजे में सरिता की एकाएक हालत खराब होने लगी, तभी कुछ महिलाएं चिकित्सा पदाधिकारी और उपस्थित अन्य डाक्टरों को इसकी सूचना दी। डाक्टरो ने आनन-फानन पंहुच मरीज की गंभीर अवस्था को देख भाग निकले।वहीं उपस्थित परिजनों ने यह भी बताया कि जिस वक़्त दवा दी गयी थी,उस वक़्त भी हालत खराब थी।उसके बाद सभी डॉक्टर, नर्स डर से छोड़कर भाग गए थे.इस कारण सरिता की मृत्यु हो गयी।.महिला की मृत्यु होने के बाद भारी भीड़ जुट गयी और अस्पताल परिसर में भगदड़ मच गया।. चिकित्सा प्रभारी के खिलाफ लोग जमकर नारेबाजी और एएनएम और आशा को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे ।.मौके पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने आक्रोशितों को समझा बुझा कर मामला को शांत करवाया। ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व में भी महिला के एक बच्चा हुआ था जो प्रश्रव के दौरान ही उसकी मौत हो गयी थी।
यदि मौके पर पुलिस प्रशासन न पहुंचती तो एक बार फिर रेफरल अस्पताल में बड़ी घटना घट सकती थी।.समाचार लिखे जाने तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई आगे नहीं की गयी है . सभी मुआवजे की मांग पर अड़े थे.चिकित्सा प्रभारी कृष्ण कुमार ने कहा कि मृतका के शरीर में पहले से ही खून की कमी थी और अन्य गंभीर बीमारी थी.जिसके कारण उसको सुबह 11 बजे ही बेहतर इलाज हेतु पटना रेफर कर दिया गया था.लेकिन पटना ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी.।