चकरनगर(इटावा)डा.एस.बी.एस.चौहान
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर इन दिनों जातीय समीकरण के तहत बना अखाड़ा जहां पर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता अपनी-अपनी जोर-आजमाइश करने में मशगूल, वहीं मरीजों के साथ हो रहा खिलवाड़। प्राप्त जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर जो काफी दिनों से जातिगत गुटबाजी के तहत अखाड़ा बना हुआ है। यहां पर खासकर दो गुट उभरकर सामने आए हैं जिनमें एक सामान्य गुण दूसरा हरिजन गुट इन दोनों गुटों की दांव वाजी के तहत क्षेत्रीय विधायक भी अपनी जोर-आजमाइश कर प्रशासन को कटघरे में खडा करने में अपनी ताकत लगाए हुए हैं। इस संबंध में सूत्रों की माने तो प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के तौर पर सामान्य वर्ग का अधिकारी नियुक्त था जिस पर दूसरा गुट अपने दाव पेच के तहत हावी होकर क्षेत्रीय विधायक को अपने विश्वास में लेकर यहां से सामानय वर्ग अधिकारी को भरथना के लिए स्थानांतरण करवा दिया गया। उसके बाद यहां पर दलित वर्ग का सामराज्य कायम हो गया चलते शिकायतों के स्थानीय विधायक ने मौके पर जाकर ढेर सारी कमियों को देखते हुए अधिकारियों से वार्ता की और उन्हें दबाव में लेकर सामान्य वर्ग के अधिकारी को पुन: कुछ समय के लिए वापस बुलाया गया दलित वर्ग के कर्मचारी अधिकारी यहां पर अपने-अपने दांव पेंच रखने में लगे हुए हैं जिसके चलते शिकवा शिकायत का जोर चल रहा है किसी तरीके से यहां से सामान्य को हटा दिया जाए अब समझने की बात तो यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जातिगत अखाड़ा बना हुआ है उस पर राजनीतिक तूल दिया जा रहा है और प्रशासन को दबाव में रखकर अपनी मनमर्जी का काम करवाया जा रहा है तो यह बात समझ के परेय है सच्चाई तो यह कि स्वास्थ केंद्र को बढ़ावा देने के लिए डां0 रामबाबू तिवारी जिन्होंने काफी प्रयास कर इस अस्पताल को साठ सइया अस्पताल घोषित किया गया था जिस से क्षेत्रीय जनता की समय पर मदद होती रहेगी। कौन जानता कि यह जातिगत अखाड़ा बनकर क्षेत्रीय मानवता के विरुद्ध कसौटी पर खरा उतरेगा। क्षेत्रीय विधायक हरिजन, बैकवर्ड या सामान्य जाति से नहीं चुनी गई है उन्हें यह सोचना चाहिए कि आप जातिगत भेदभाव को भुलाकर ऐसा काम करें कि जिस से जनता आपको दुबारा चुनने के लिए मन बनाए लेकिन किसी जातिगत आधार पर अस्पताल को अखाड़े में तब्दील कर देना संभवता: मानवता के विपरीत है। कोई भी सरकार रही हो हरदम यह कहकर कि जाति पांति कोई चीज नहीं होती है सभी एक है, व्यवस्था एक है लेकिन समझ में नहीं आता चुनाव हो, नियुक्ति हो, प्रमोशन हो तो जाति गत आधार लेकर ही कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की गुटबाजी की वजह से मरीज परेशान | बताते चले कि पिछड़ा क्षेत्र चकरनगर जहा पर डॉक्टर केवल 11 बजे से करीब दिन के 3 बजे तक ही मिलते है रात को थर्ड क्लास व् चौकीदार ही अस्पताल को चलाते देखे जा सकते हैं। यदि अस्पताल के सूत्रों की माने तो यह कहा जा सकता है कि यहां पर रात्रि के वक्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मौके पर रहता है अस्पताल की कुर्सी किसी भी वक्त चिकित्सक विहीन नहीं रहती है लेकिन रात में गए गुजरे कोई भी मरीज यह कहने को तैयार नहीं है कि यहां पर कोई डॉक्टर रात के वक्त ड्यूटी पर तैनात रहता है। यह बात तो माननी जा सकती है की उपस्थिति रजिस्टर में डॉक्टर एक नहीं जितने भी डॉक्टर है सब ड्यूटी पर रात को चढ़े हो लेकिन यह सच्चाई बिल्कुल नहीं है और इस मक्कारी को किसी भी वक्त रात्रि 12:00 बजे से 1:00 बजे के बीच चैकअप कर देखा जा सकता है। मरीजों की देखभाल, दूसरा स्टाफ की कमी का भी रोना रहता है। इस समय डॉक्टरों में सामान्य वनाम हरिजन की लड़ाई चल रही है जिसमे क्षेत्रीय वरिष्ठ भा ज पा नेता नरेंद्र सिंह ने बताया कि विधायका ने ही डॉक्टर अमित दीक्षित का ट्रांसफर भरथना करवाया था हम लोगो ने काफी प्रयास किये लेकिन मामला गुटबाजी का था जिससे चकरनगर के क्षेत्रीय लोग भी विधायक के खिलाफ हैं, रोष है दूसरा एक डॉक्टर के खिलाफ शिकायत ग्राम कुंदौल से हुई थी दूसरी शिकायत ग्राम गौहानी से की गयी है जिसे चकरनगर की खबरों में भी प्रकाशित किया गया मामला जातीय गुटबाजी का है उच्चाधिकारियों ने समय रहते ध्यान न दिया तो अप्रिय घटना भी घट सकती है। अगर सूत्रो की माने तो दोनों तरफ से शिकायतों में विभागीय लोग ही लगे हुए है।