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कैसा होगा यूपी में बीजेपी के खिलाफ अखिलेश का गैर कांग्रेसी गठबंधन?

कैसा होगा यूपी में बीजेपी के खिलाफ अखिलेश का गैर कांग्रेसी गठबंधन?

राज प्रताप सिंह(उत्तर-प्रदेश राज्य प्रमुख)

राजधानी। अखिलेश के ऐलान के बाद यूपी की सियासत तेजी से करवटें बदलती दिख रही है।वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो सपा और बसपा के साथ कुछ ऐसे दल हैं, ​जो महागठबंधन की कवायद को लेकर चर्चा के केंंद्र में हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ गैर कांग्रेसी गठबंधन होगा।उन्होंने ये बयान मध्यप्रदेश में में एकमात्र सपा विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर दिया। अखिलेश ने कहा​ कि कांग्रेस ने सपा विधायक को साथ न लेकर हमारा रास्ता साफ कर दिया।
अखिलेश के इस ऐलान के बाद यूपी की सियासत तेजी से करवटें बदलती दिख रही है। वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो सपा और बसपा के साथ कुछ ऐसे दल हैं, ​जो महागठबंधन की कवायद को लेकर चर्चा के केंंद्र में हैं। इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल अहम नाम है।उपचुनावों के दौरान कैराना में रालोद के ही प्रत्याशी की अगुवाई में महागठबंधन की कवायद शुरू हुई थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस की अनुपस्थिति में रालोद को पश्चिम उत्तर प्रदेश की अहम सीटें महागठबंधन की तरफ से मिल सकती हैं।
सपा के नेता कहते हैं रालोद को पश्चिम उत्तर प्रदेश में बेहतर सीटें देना महागठबंधन के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि​ पश्चिम में जाट समुदाय कई सीटों पर अच्छी दखल रखता है और रालोद से कहीं न कहीं अपना जुड़ाव महसूस करता है। पश्चिम की करीब 10 लोकसभा सीटों पर रालोद की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश से निषाद पार्टी, पीस पार्टी भी गठबंधन में अहम किरदार निभा सकती हैं।गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों से पहले अखिलेश ने खुद पहल करते हुए पीस पार्टी और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया और प्रत्याशी उतारे।बाद में सपा प्रत्याशी को बसपा का भी समर्थन मिला और बीजेपी को गोरखपुर और फूलपुर में चौंकाने वाली हार मिली।वहीं कृष्णा पटेल की अपना दल भी इस महागठबंधन के करीब दिख रही है।
दिलचस्प ये है कि तीन विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी गठबंधन में स्थितियां तेजी से बदलती दिख रही है।बीजेपी के यूपी में सहयोगी अपना दल सोनेलाल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मिजाज में तल्खी बढ़ती दिख रही है।अपना दल ने अपनी नेता अनुप्रिया पटेल के बीजेपी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कही है।साथ ही पिछले दिनों पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने भी बीजेपी पर गठबंधन से जुड़ी कई समस्याओं को हल नहीं करने पर भविष्य में राहें अलग होने के संकेत दे दिए हैं।उधर सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर भी लगातार अपनी बयानबाजी से बीजेपी की चिंताएं बढ़ाते रहते हैं।ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव के गैर कांग्रेसी गठबंधन पर सबकी नजर है।

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