माल/लखनऊ (राम किशोर रावत) : माल इलाके में आधा दर्जन से अधिक अंग्रेजी शराब व देशी शराब के ठेक है जहां पर सेल्समैन द्वारा प्रिंट रेट से अधिक रुपए वसूले जा रहे हैं।इतना ही नहीं किसी भी समय इन ठेकों पर शराब उपलब्ध रहती है सिर्फ अधिक रुपए देने पड़ते हैं। शिकायत करने के बाद भी पुलिस व आबकारी विभाग मुड़ कर देखने की फुर्सत नहीं है। जिससे मजबूरन शराबियों को महंगे दामों पर शराब लेना पड़ता है।
सैदापुर गहदौ तिराहा नबी पनाह कस्बा माल बरगदिया पारि में अंग्रेजी व देशी शराब के ठेके हैं। जहां पर सेल्समैन द्वारा प्रिंट रेट से ₹20 अधिक हर क्वार्टर व बोतल पर वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं सोनू ने बताया कि सैदापुर ठेके पर कोई भी क्वार्टर वा बोतल लेने पर 10 या ₹20 वसूले जाते हैं। वहीं अवधेश ने बताया कि गहदौ में अंग्रेजी शराब के ठेके पर प्रिंट रेड से अधिक रुपए लेकर तब शराब का क्वार्टर या बोतल दिया जाता है। वही केशन ने बताया कि पारा स्थित अशोक मार्केट के पास देसी ठेके पर भी देशी शराब क्वार्टर ₹75 प्रिंट रेट होने के बाद भी 85 रुपे प्रति क्वार्टर लिए जाते हैं। यह खेल काफी दिनों से इन ठेकों पर सेल्स मैनो द्वारा शराब पीने वालो के साथ खेला जा रहा है। जबकि प्रति क्वार्टर ₹10 व प्रति बोतल ₹20 अधिक ही लेने के बाद शराब उपलब्ध कराई जाती है। जब सेल्स मैन से अधिक रुपए वसूलने की बात पूछी जाती है तो कहा जाता है कि शराब एक नंबर की दे रहे हैं जिसके लिए 10 या ₹20 अधिक वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं सेल्स मैन के द्वारा 24 घंटे शराब को बेचा जाता है जबकि पुलिस वा आबकारी विभाग से अधिक दाम वसूलने की शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसके चलते इन सेल्समैन के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं अंग्रेजी वह देसी शराब के ठेकों पर दर्जनों की संख्या में शराब पीने वालों का मेला लगा रहता है। ठेके के पास में ही शराब पीते किसी भी समय देखा जा सकता है इतना ही नहीं मिलावटी शराब भी बनाकर शराबियों को सेलमैन द्वारा दिया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रिंट रेट से अधिक रुपए लेकर माल इलाके में ठेकों पर अंग्रेजी व देसी शराब कई महीनों से बेची जा रही है। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को मुड़ कर देखने की फुर्सत ही नहीं मिल पा रही है। सूत्रों की मानें तो कहीं पुलिस व आबकारी विभाग को सेल्समैन द्वारा महीने में सुविधा शुल्क दिया जाता है जिसके चलते कोई भी अधिक पैसे वसूलने पर अंकुश लगाने वाला जिम्मेदार अधिकारी नहीं दिखाई दे रहा है।
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इस संबंध में आबकारी विभाग के रमेश चंद्र विद्यार्थी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लिखित शिकायत कर दीजिए फिर हम देखते हैं जब किसी भी अंग्रेजी व देसी शराब के ठेके की बात की गई तो उन्होंने कहा हर जगह नहीं अधिक रुपए वसूले जा सकते हैं। इन जिम्मेदारों के पास मौके पर जाकर जांच करने की फुर्सत ही नहीं है सिर्फ इनके पास यह विकल्प है कि लिखित शिकायत कर दीजिए फिर हम देखते हैं इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है।