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बघौनी बहेड़ी की आशा कार्यकर्ता ‘ममता’ की चहुंओर तारीफ, कई वर्षों से अनवरत ग्रामीणों की कर रही सेवा

दरभंगा : जिले के बहेड़ी प्रखंड के बघौनी पंचायत निवासी आशा कार्यकर्ता ममता कुमारी करीब 12 वर्षों से अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही हैं. लेकिन इस कोरोना संकट के आने के बाद ममता ने जिस कार्य कुशलता से कार्य किया है, उसकी प्रशंसा हर तरफ हो रही है. यही कारण है कि गांव के जनप्रतिनिधि से लेकर आमजन तक सभी कार्यकर्ता ममता के कार्यशैली के कायल हो गए हैं.

अपने कार्य क्षेत्र में रोजाना भ्रमण कर लोगों का हालचाल लेना, 24 घन्टे गाँव वालों की सेवा के लिए तत्पर रहना एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बेहतर समझ होना, उन्हें बाकी आशा कार्यकर्ताओं से अलग करता है. जब से कोरोना मामलों की खबर आयी है, ममता अपने गाँव वालों को कोरोना से बचाव के तरीकों को बारे में निरंतर जानकारी दे रही है. आज उनके गाँव के अधिकतम लोग कोरोना प्रसार रोकथाम के उपायों के बारे में अवगत हैं एवं इसका अनुपालन भी कर रहे हैं. इसमें ममता का योगदान निःसंदेह प्रशंसनीय है.

ममता ,आशा कार्यकर्ता

बुखार के बावजूद गंभीर प्रसूता की मदद की:
आशा कार्यकर्ता लोगों के मदद के लिए सदैव आगे रहती है. यहां तक कि बीमार होने के बावजूद किसी के बुलावा आने उनके घर पहुंच जाती है. ममता ने बताया कि कुछ माह पहले उसे बुखार हो गया था तबीयत खराब के कारण वह घर पर ही थी. दूसरे वार्ड के सदस्य ने उनसे मदद की गुहार लगाई . ममता को बुखार होने के बावजूद वह उसी समय उसके घर चली गई. वहां देखा कि एक युवती अचेतन अवस्था गंभीर अवस्था में पड़ी हुई है. उसका चेहरा पीला हो गया है. वह दर्द से कराह रही थी. दो दिन पहले ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. उसके बाद से ही तबियत खराब हो गयी थी. ममता ने उसका शारीरिक परीक्षण किया. देखा कि उसके गर्भाशय में कुछ समस्या हो गई है. उसने तुरंत युवती के माता-पिता को दरभंगा ले जाने की सलाह दी. उनके सलाह पर ही माता-पिता उसे अस्पताल ले गए. चिकित्सा के बाद वह स्वस्थ हो गई. युवती के परिजन में आशा कार्यकर्ता ममता का धन्यवाद किया.

कोरोना महामारी के मद्देनजर अपने इलाके में रखती पैनी नजर:

लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाली आशा कार्यकर्ता ममता अपने आसपास के इलाकों में भ्रमण करती रहती है. कोरोना महामारी के कारण वह और भी सचेत हो गई है. लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही है. किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने पर तुरंत इसकी सूचना अपने सीनियर को देती है. उसके घर जाकर उसको जांच के लिए प्रेरित करती है. इसके अलावा ग्रामीणों को कोरोना के प्रति सचेत रहने की जानकारी देती है. किसी भी प्रकार का लक्षण दिखाई पड़ने पर उसे डॉक्टर की सलाह लेने को कहती है.

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