डेस्क : देश में इस समय 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के मामले लगातार निकल कर सामने आ रहे हैं। ऐसे में ऐहतियाती तौर पर पहले से ही कई विशेषज्ञों की राय थी कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाना चाहिए। अब खबर है कि कई राज्य सरकारों ने भी केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। सरकार इस दिशा में विचार कर रही है।
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A lot of state governments, as well as experts, are requesting Central Government to extend the lockdown. Central Government is thinking in this direction: Government sources
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विशेषज्ञों के अलावा कई राज्य सरकारों ने भी केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। सरकार इस बारे में विचार कर रही है।
केंद्र सरकार के दर्जनभर से ज्यादा सचिवों ने सोमवार को लॉकडाउन से जुड़े रणनीतिक मसलों पर मंथन किया।लॉकडाउन से जुड़े रणनीतिक मुद्दों पर बने अधिकार प्राप्त समूह की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने की। इसमें सामान्य जीवन के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न क्षेत्रों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शीर्ष अधिकारियों ने लॉकडाउन के विभिन्न पहलुओं और इसे हटाए जाने के बाद आगे बढ़ने के तौर तरीकों पर चर्चा की। बैठक में लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने, क्षेत्रवार उसके प्रभाव का आकलन और मांग पर विचार-विमर्श किया गया।
वहीं कोरोना संक्रमण में किसी नरमी के संकेत नहीं मिलने के बीच सरकार इस मंथन में जुट गई है कि आखिर इससे बाहर आने का रास्ता कैसे बने। फिलहाल जो मेगा प्लान प्रस्तावित है उसके तहत सभी राज्यों को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा और उसी हिसाब से अलग-अलग राज्यों या फिर जिलों में लॉकडाउन हटाने और सेवा शुरू करने के बारे में सोचा जा रहा है। इनमें ज्यादा एक्टिव कोरोना वाले इलाकों में लॉकडाउन से छूट नहीं दी जाएगी। लेकिन जिन राज्यों में पिछले सात दिन से कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया हो, वहां राहत मिल सकती है। नए केस आने की स्थिति में नए सिरे से प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
ध्यान देने की बात है कि 24 मार्च की मध्यरात्रि से पूरे देश में तीन हफ्ते के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है। यह तो तय है कि लॉकडाउन एक साथ खत्म नहीं होगा। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के बाद सोमवार को मंत्रियों के साथ चर्चा में भी प्रधानमंत्री ने यही संकेत दिया।
सूत्रों के अनुसार, एक्जिट प्लान का जो ड्राफ्ट तैयार है उसके अनुसार राज्यों की कैटेगरी कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या के आधार पर तय होगी। वहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मरीजों की संख्या कितनी है। मानक का एक आधार यह भी होगा कि पिछले सात दिन में कोरोना का कोई केस सामने आया है या नहीं। अधिक जिलों वाले बड़े राज्यों और छोटे राज्यों के लिए मानकों में फेरबदल किया जाएगा। इन मानकों के आधार पर राज्यों को चार कैटेगरी में रखा जाएगा।