दरभंगा (आयुषी प्रियादर्शी) : चैत्र मास में भी सूर्योपासना की जाती है। चैती छठ महापर्व को लेकर पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। हर गांव-गली व घरों में छठ के भक्ति गीत बज रहे हैं। भगवान भास्कर व छठ मईया की आराधना में लोग जुटे हैं। भगवान भास्कर का महापर्व छठ को लेकर बुधवार को खरना अनुष्ठान संपन्न हुआ।

छठ व्रतियों ने विधि-विधान के अनुरूप खरना अनुष्ठान किया। जिसके साथ छठ महापर्व के उल्लास और आस्था चरम पर पहुंच गया है। नहाय-खाय और खरना अनुष्ठान के बाद गुरुवार को अस्ताचलगामी व शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग नदी-तालाब पा उमड़ेंगे।

महापर्व छठ को लेकर बुधवार को निर्धारित समय में छठ व्रतियों ने खरना अनुष्ठान किया। जिसके बाद लोग छठ का प्रसाद पाने के लिए उमड़ पड़े। हिंदू समाज के लोगों ने अपने परिचितों, सगे संबंधियों के अलावा प्राय: हर घर में जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया।

छठ महापर्व की आस्था और विश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अनजान व्यक्तियों के घर पहुंचकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया।
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इधर छठ महापर्व के अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के समय से पहले सड़क की साफ-सफाई और धोने का काम लोग पूरा करेंगे। जिससे छठव्रतियों को छठ घाट जाने के रास्ते में कोई कष्ट नहीं हो। इधर छठ महापर्व में विशेषकर चैती छठ पर्व का उल्लास ही अलग बना है।