डेस्क : नोवल कोरोना वायरस बीमारी की रोकथाम एवं इसपर कारगर नियंत्रण तथा लॉक डाउन में गरीब लोंगो को राहत पहुंचाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं।
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इसमें सबसे महत्वपूर्ण सभी राशन कार्ड धारियों एवं चिन्ह्ति गैर कार्ड धारियों को एक एक हजार रूपया नगद भुगतान किया जाने का निर्णय हैं. यह सहायता राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके बैंक खाते में अंतरित की जा रही है। अभी तक 01 करोड़ 02 लाख राशन कार्डधारियों के खाते में राशि अंतरित की जा चुकी है। शेष राशन कार्डधारियों के खाते में राशि भेजने की कार्रवाई जारी है ।
- सभी राशन कार्ड धारियों एवं चिन्ह्ति गैर कार्ड धारियों को एक एक हजार रूपया डी.बी.टी. के माध्यम से नगद भुगतान.
- चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्णय।
साथ ही अस्वीकृत, लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्ड आवेदनों की पुनर्जांच की जा रही है। इसमें से सही पाये गये आवेदकों को भी एक एक हजार रूपये की सहायता राशि देने का सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। सहायता राशि उपलब्ध कराने के उपरांत सुयोग्य लाभुकों को राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में राशन कार्ड विहीन परिवारों को जीविका द्वारा सर्वेक्षित एवं चिन्ह्ति सूची के अनुसार 01 हजार रूपया की सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है। सहायता राशि उपलब्ध कराने के उपरांत सुयोग्य लाभुकों को राशन कार्ड निर्गत करने की कार्रवाई की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में नेशनल अर्बन लाईवलीहुड मिशन (एन.यू.एल.एम.) के माध्यम से सर्वेक्षित एवं चिन्ह्ति राशन कार्ड विहीन परिवारों को 01 हजार रूपया की मदद देने का निर्णय लिया गया है।
सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को तीन माह की अग्रिम पेंशन का भुगतान भी किया जा रहा है। अबतक बिहार के सभी 84 लाख 76 हजार पेंशनधारियों (मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन एवं वृद्धावस्था पेंशन) को तीन माह की पेंशन के अग्रिम भुगतान के रूप में उनके बैंक में 1017 करोड़ रूपया की राशि अंतरित किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा छात्र/छात्राओं के लिए भी विशेष पहल किया जा रहा है। कक्षा 01 से लेकर 12वीं तक के सभी छात्र/छात्राओं को शिक्षा विभाग द्वारा देय छात्रवृति एवं अन्य योजनाओं का एकमुश्त लाभ दिया जा रहा है। अबतक कुल 01 करोड़ 08 लाख छात्र/छात्राओं के खाते में 3102 करोड़ रूपये की राशि अंतरित किया गया है। लॉक डाउन के कारण विद्यालय को बंद किये जाने के फलस्वरूप छात्रहित में वर्ग 01 से 11 तक (वर्ग 10 को छोड़कर) के सभी छात्र/छात्राओं को बिना वार्षिक परीक्षा के अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है।
इस साल फरवरी/मार्च में हुई असमय बारिश और आलावृष्टि से हुई फसल क्षति पर किसानों को कृषि इनपुट अनुदान के रूप में 578 करोड़ 42 लाख रूपये भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अप्रैल माह में भी असमय बारिश और आलोवृष्टि से हुई फसल क्षति का सर्वेक्षण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। साथ ही किसानों को गेहूं का वाजिब मूल्य दिलाने हेतु पैक्सों के माध्यमय से गेहूं की अधिप्राप्ति भी प्रारंभ कर दी गई है। सभी किसानों को निर्धारित अवधि में राशि का भुगतान करने का निदेश दिया गया है।
लॉक डाउन की वजह से बिहार के बाहर फंसे मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष से राज्य के बाहर फंसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरत मंद व्यक्तियों को 01 हजार रूपया प्रति व्यक्ति सहायता राशि दी जा रही है। अबतक 22 लाख आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें से 14 लाख लोगों के खाते में 01 हजार रूपया की सहायता राशि अंतरित की गई है। शेष आवेदनों की जांचोपरांत राशि अंतरित करने का कार्य जारी है।
बिहार फाउंडेशन के माध्यम से देश के विभिन्न 09 राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केन्द्र चलाया जा रहा है। राहत केन्द्रों में भोजन के साथ-साथ राशन सामग्री देने की व्यवस्था की गई है। 28 मार्च से लेकर अबतक 10,44,000 लोगों को राहत केन्द्रों पर भोजन/फूड पैकेट्स दिये जा चुके हैं। बिहार फाउंडेशन द्वारा अबतक महाराष्ट्र में 06 शेल्टर होम एवं तमिलनाडु में 01 शेल्टर होम शुरू किया गया है, जहां प्रवासी बिहारियों के लिए भोजन, आवासन एवं चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
बिहार में विभिन्न शहरों में फंसे दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालकों, ठेला वेंडरो एवं अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए 199 आपदा राहत केन्द्र बनाया गया है। जिसमें अभी तक 63,169 लोग लाभान्वित हुए हैं। इसमें गुणवत्ता पूर्ण भोजन आवासन तथा चिकित्सीय जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केन्द्रों की समुचित व्यवस्था की गई है।
कोविड – 19 को फैलने से रोकने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। अबतक 69 लाख 80 हजार घरों में कुल 03 करोड़ 79 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। डोर टू डोर स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया गया है। अब जिलों की प्राथमिकता का निर्धारण करते हुये सभी जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत प्रदत्त राशि से स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है। अब तक इस कोष में 159 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी गई है। माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्रियों एवं बिहार विधान मंडल के माननीय संदस्यों के वेतन का 15 प्रतिशत् अगले एक वर्ष तक कटौती कर कोरोना उन्मूलन कोष में देने का निर्णय लिया गया है। इस कोष की राशि का व्यय दवा, जरूरी इक्यूपमेंट्स, टेस्ट किट आदि क्रय करने के लिए प्रधान सचिव/सचिव स्वास्थ्य विभाग को प्राधिकृत किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की व्यवस्था की गई है। रोजगार सृजन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है ताकि मजदूरों को काम मिलने में कठिनाई न हो। सरकार के सात निश्चय योजना अन्तर्गत हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां, हर घर शौचालय, जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत तालाबों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार तथा मनरेगा के अन्तर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्रफल में तालाबों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्य, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य में अधिक से अधिक स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार ने सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए 01 अप्रैल 2020 से ऊर्जा शुल्क में 10 पैसे प्रति युनिट की कमी, सभी श्रणियों के उपभोक्ताओं के मीटर का मासिक शुल्क समाप्त एवं कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर अब मात्र 65 पैसे प्रति युनिट किया गया है।
वहीं व्यवसायियों के हित में वाणिज्यकर विभाग द्वारा बिहार कराधान विवाद समाधान योजना का तीन माह हेतु अवधि विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।
साथ ही चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।