डेस्क : आने वाले समय में कर्मचारियों की कमी झेल रहे ललित नारायण मिथिला एवं कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालयों को कार्यों के निबटारा में सहूलियत होने वाली है । प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों सहित अब फाइलों के अम्बार व उसके निबटारे की जटिल प्रक्रियाओं से जल्द ही इन दोनों विश्वविद्यालयों को निजात मिलने वाली है । मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय के बताया कि वर्त्तमान में विश्वविद्यालय का कार्य कर्मचारियों के स्वीकृत बल के आधे से भी कम से ही चल रहा है। इससे कार्यों के निष्पादन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग नें इसे जल्द लागू करने की कबायद शुरू कर दी है ।
हाल ही में चार अगस्त को बिहार हायर एजुकेशन काउंसिल ने पटना के चाणक्या होटल में यूएमआइएस (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इनफोर्मेसन सिस्टम) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें उच्च शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देश पर एक सॉफ्टवेयर कम्पनी के द्वारा पावर प्वाईंट के जरिये इन सभी कार्यप्रणाली के कुल चौसठ मॉड्यूल्स एवं सब माड्यूल्स को विस्तार से बताया गया। कार्यशाला में सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, वित्त पदाधिकारी, नैक से ‘ए ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं अधिकारी तथा शिक्षकों को अपने सुझाव देने हेतु आमंत्रित किया गया था। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहू, सीएम विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. प्रेम कुमार प्रसाद तथा आईक्यूएसी कॉर्डिनेटर प्रो. रतन कुमार चौधरी को कार्यशाला में भाग लेने एवं सुझाव देने हेतु भेजा था।