पटना (संजय कुमार मुनचुन) : बीएड कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए जुलाई महीने में पहली बार कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लिया गया। जिसके सारी प्रक्रिया के लिए नोडल विभाग नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी को बनाया गया था। रिजल्ट के बाद सफल छात्रों से 10 कॉलेज के चॉइस भी मांगे गए थे। जिसके आधार पर कॉलेज का आवंटन होना था।
लेकिन नालंदा खुला विश्व विद्यालय में छात्रों का हंगामा हुआ। बीएड में गलत तरीके से कॉलेज अलॉटमेन्ट का छात्र विरोध कर रहे थे। छात्र पुनः कॉलेज अलॉटमेंट की भी माँग साथ ही बीएड में नामांकन पर रोक लगाने की भी माँग कर रहे थे। हंगामा के बाद एडमिशन की तिथि 17 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीएड कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया लगातार जारी है। कई प्राइवेट कॉलेजों में रविवार को भी एडमिशन लिया गया। एडमिशन की तिथि 14 से बढ़ा कर 17 अगस्त कर दी गई है। हालांकि, एडमिशन को लेकर छात्रों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
छात्रों का कॉलेज प्रबंधन पर आरोप है कि जब वो एडमिशन के लिए पहुंचे तो वहां से उन्हें भगा दिया गया। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी पहुंचे छात्रों ने कहा कि 14 अगस्त को पहले लिस्ट के हिसाब से नामांकन का आखिरी दिन है, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से एडमिशन प्रक्रिया काफी धीमा है। वहीं, कॉलेज पहुंची एक छात्रा ने कहा कि उसने 10 कॉलेज के चॉइस के मुताबिक नामांकन के लिए अपना चॉइस लिखा था, लेकिन उसे उनके चॉइस के मुताबिक कॉलेज नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक राजभवन ऐसे सभी कॉलेजों पर कार्रवाई पर विचार कर रहा है, जिन्होंने कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट की प्रक्रिया को मानने से इनकार किया है।