डेस्क : तारीख थी 28 अगस्त 2018. दिन मंगलवार का था. जगह थी बिहार के सीतामढ़ी कोर्ट का परिसर. दोपहर के करीब 2 बजकर 45 मिनट हो रहे थे. कोर्ट परिसर में भीड़ जमा थी. इसी दौरान इस भीड़ में शामिल 19 साल के एक लड़ने ने पुलिसवालों से घिरे एक शख्स पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. फायरिंग के बाद वो एक रेसर बाइक पर सवार हुआ और चिल्लाने लगा कि उसने अपने पिता की मौत का बदला ले लिया है. अभी पुलिस कुछ समझ पाती कि 19 साल का वो लड़का चिल्लाते हुए बाइक से फरार हो गया.
इसके बाद पता चला कि उसने जिस आदमी पर गोली चलाई है, उसका नाम संतोष झा है. संतोष झा उत्तरी बिहार का सबसे बड़ा गैंगेस्टर था, जिसकी 28 अगस्त को सीतामढ़ी के सीजेएम कोर्ट में पेशी थी. पुलिस के 11 जवान संतोष झा को कोर्ट में पेश करने के लिए लेकर गए थे. वहां सीजेएम कोर्ट में जज के सामने पेशी के बाद संतोष झा ने पेशी वॉरंट पर सिग्नेचर किए और उसके बाद पुलिस के जवान उसे कोर्ट रूम से लेकर बाहर निकले. अभी पुलिस के जवान संतोष को कोर्ट रूम से बाहर लेकर निकले ही थे कि ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी थी. इतनी फायरिंग कि पुलिस के 11 जवानों को फायरिंग करने का मौका भी नहीं मिला. और जब फायरिंग रुकी, तो संतोष झा की मौत हो चुकी थी, जबकि सीजेएम कोर्ट में काम करने वाले संतोष कुमार सिंह गोली लगने से घायल हो गए.
संतोष झा की हत्या के बाद एक लड़का फरार हो गया था, जबकि दूसरे लड़के को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस के मुताबिक भागे हुए लड़के का नाम आर्यन था, जबकि पकड़े गए लड़के का नाम विकास झा था. विकास के हाथ में भी हथियार था. संतोष को गोली लगने के बाद भीड़ में शामिल विकास ने अपना हथियार फेंक दिया था और भीड़ में शामिल होकर बचने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सीतामढ़ी के एसपी विकास वर्मन ने लापरवाही के आरोप में 25 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया.