पटना (संजय कुमार मुनचुन) : राजस्थान का चर्चित पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित २५ अगस्त को पटना के बेउर जेल से रिहा होकर देर रात हवाई जहाज से बाडमेड ( राजस्थान ) पहुंच गये.उनके घर में आज उत्सव का माहौल है .बहनो से राखी बंधवाकर दुर्ग भी काफी खुश है .उसकी बहने और पूरा परिवार बिहार ( पटना ) के चंद युवा पत्रकारों चंदन तिवारी,ईशान अमन,कुंदन सिंह ,नीरज त्रिपाठी ,शशि सागर ,सिकंदर और कन्हैया सिंह को थैंक्स कह रही .माँ इन पत्रकारों को दुआएँ दे रही है.
पत्रकार दुर्ग की फजीहत कर बिहार को बदनाम करने वाले अपने मकसद की आधी अधूरी कामयाबी पर खुश भले हो रहे हो ,परन्तु दुर्ग ने पटना के जोनल आई जी जनाब नैय्यर हसनैन खां के सामने जो बयान कलमबंद कराया है अगर आई जी साहब उसे अपनी रिपोर्ट में अंकित कर लेते है तो इसमें कोई शक नहीं की बिहार के एक संबैधानिक पद पर रह चुका भाजपा के एक नेता का चाल,चरित्र और चेहरा बेनकाब हो जायेगा.इस नेता के साथ ए.डी.सी .रह चुके बिहार पुलिस के एक अधिकारी का नाम भी दुर्ग ने आई जी साहब को कलमबंद कराया है जिसके इशारे पर दुर्ग के खिलाफ जारी वारंट बाडमेड के एस पी को भेजा गया. एस एस पी मनु महाराज बनकर मोबाइल किया गया .इस खेल में इस पुलिस आफिसर के साथ एस.एस.पी.आफिस के स्टाफ भी शामिल हैं .इतना ही नहीं झूठा मुकदमा एवं झूठी गवाही का इंतजाम करने वाला पटना जिला परिषद का पूर्व अध्यक्ष को भी दुर्ग ने अपने कलमबंद ब्यान में बेनकाब किया है .दुर्ग के गुरु मेवाड़ रत्न देव किशन ने तो इस पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष के ससुर का भी नाम लिया जो कभी पटना के मेयर रह चुके हैं. बहरहाल ,इन्तजार कीजिये ,आई जी साहब की जाँच रिपोर्ट का .साजिश और षडंयत्र सामने आता है या सब कुछ मैनेज हो जाता है . हां, अगर मामले की सी बी आई जांच हो जाए तो और कई दागदार चेहरा बेनकाब होगा.