डेस्क : देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही युवतियां और महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाए सज-धजकर भाइयों को राखी बांधने के लिए घरों से निकल प़डीं। बच्चें भी काफी खुश नजर आए।
सावन पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस त्योहार के मौके पर बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का बचन लिया। बहनों ने भाई को तिलक लगाकर आरती उतारी और मिठाई खिलाकर आशीर्वाद लिया। भाइयों ने भी बहन को उपहार दिए। रक्षा बंधन को लेकर चारो ओर उत्सवी माहौल था। चहुंओर राखी के बज रहे गीतों से वातावरण गुंजायमान था।
रक्षाबंधन पर कई लोगों ने घरों में भी पकवान बनाए। रक्षाबंधन पर सुबह के समय बाजार में राखियों की दुकानों पर भीड़ जुटी रही, जबकि मिठाई की दुकानों पर भी दिनभर खरीददारी हुई। बाजारों में भी छोटी बड़ी से लेकर डिजाइनर राखियों की खूब बिक्री हुई। इस बार सबसे खास बात ये रहा कि 26 अगस्त (रक्षाबंधन के दिन) को भद्रा नहीं था। साथ ही इस बार पूर्णिमा तिथि उदियाकाल में ही प्रारंभ हो गई थी, इसलिए राखी का शुभ काल सुबह 5:00 बज कर 26 मिनट पर प्रारंभ हो गया और यह रात्रि तक रहा।
प्रधानमंत्री मोदी की मुंहबोली बहन कमर मोहसिन शेख ने भी हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी को राखी बांधी। वे पिछले 24 वर्षों से मोदी को राखी बांध रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें तब से जानती हूं, जब वह संघ के कार्यकर्ता थे। मैं उन्हें पिछले 24 वर्षों से राखी बांधती आ रही हूं। उनके व्यवहार में कोई भी बदलाव नहीं आया है। फर्क बस इतना है कि वे अब व्यस्त बहुत हो गए हैं, इसलिए हमें कम वक्त मिलता है, बाकि सब कुछ समान है।’
Throwback to fond memories with @bhawnadhingra2 Didi 😊
Wishing a very Happy #Rakhi to all the sisters around the world. #Rakhshabandhan pic.twitter.com/ZaBwuqaDNu— Virat Kohli (@imVkohli) August 26, 2018
भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल इंग्लैंड के दौरे पर है और ऐसे में विराट कोहली अपनी बहन को काफी मिस कर रहे हैं। कोहली ने ट्विटर पर अपनी बड़ी बहन और मां के साथ अपने बचपन की एक तस्वीर शेयर की है। विराट ने इस ट्वीट के जरिए अपनी बहन को याद करते हुए दुनियाभर में यह फेस्टिवल मना रही सभी बहनों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी है।
पटना प्रतिनिधि के अनुसार रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर पटना के ईको पार्क में बिहार वृक्ष सुरक्षा दिवस समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के साथ वृक्षों में रक्षा सूत्र बांध कर पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लिया।
राजधानी वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को भी आमंत्रित किया गया। इस दौरान बच्चों ने सीएम और डिप्टी सीएम को राखी बांधी और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। वहीं सरकार की ओर से स्कूली बच्चों को पौधा दिया गया। वहीं रक्षाबंधन के इस मौके पर ब्रह्मकुमारी की बहनों ने सीएम हाउस में जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राखी बांधी।
तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री व विधायक तेजप्रताप यादव को उनकी बहन राजद सांसद मीसा भारती एवं अनुष्का ने राखी बांधी। पांच बहनें जो पटना से बाहर हैं, उन्होंने भी राखी भेजी है। सभी ने उनके सुखद,स्वस्थ एवं तेजस्वी जीवन की कामना की है।
भाई-बहनों का त्योहार रक्षाबंधन दरभंगा शहर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने भाई के कलाई पर राखी बांधकर भाई की रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना की। वहीं बहनों ने भाई से रक्षा का वचन दिया।
रक्षाबंधन को लेकर भी रहमगंज में उत्सव सा माहौल देखा गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। रक्षाबंधन को लेकर बाजार में भी काफी रौनक देखी गई।
भाई-बहन के प्रेम का ये त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन एक और जहां बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं वहीं भाई भी उनकी रक्षा करने का वचन देता है।
अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग मान्यताएं है। लेकिन अधिकतर जगह टीका करके भाई की आरती उतारी जाती है और उसकी दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। थाली में रखे पैसों को भाई पर न्योछावर किया जाता है और भाई-बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं।
भाई-बहन का अटूट रिश्तों का त्योहार रक्षाबंधन दरभंगा के कमतौल में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। बहनों ने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर भाई के चिरंजीवी होने की कामना की। भाइयों ने भी सुरक्षा के लिए कसम खाई एवं उपहार दिया।
भाई-बहन के प्यार, स्नेह को दर्शाते इस त्योहार की परंपरा आज लगभग हर धर्म में मनाई जाती है| धर्म-मज़हब से परे यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है|
किसी भी रिश्तें की मजबूती की बुनियाद होता है विश्वास| और यही विश्वास एक बहन अपने भाई पर रखती है जब वह इस पर्व के दिन भाई की कलाई पर एक धागा जिसे राखी कहते है, बांधती है| अपने हाथ में राखी बंधवाकर भाई यह प्रतिज्ञा करता है कि वह अपनी बहन की सदैव रक्षा करेगा चाहे परिस्थिति कितनी ही विषम क्यों ना हो| राखी का धागा केवल रक्षा ही नहीं बल्कि प्रेम और निष्ठा से दिलों को भी जोड़ता है| दिन का महत्त्व इतना अधिक है कि यदि कोई बहन अपने भाई से इस दिन मिल नहीं पाती तो भी डाक द्वारा उन्हें राखी अवश्य भेजती है| रक्षा बंधन से जुड़ीं कईं ऐसी कथाएँ हैं जिनमें राखी बाँधने वाली बहन नहीं बल्कि पत्नी या ब्राह्मण भी हैं| क्योंकि यह सूत्र, यह धागा एक रक्षासूत्र होता है|
बता दें कि रक्षा बंधन पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं। इसमें एक राजा बलि व विष्णु भगवान का है। दूसरा इसमें एक राजा बलि व विष्णु भगवान का शासक हुमायूं व रानी कर्णावति से संबंधित। पुराणों के मुताबिक त्रेता युग में विष्णु भगवान ने दानवों के राजा बलि को वरदान देते हुए रक्षा सूत्र बांधा था। दानशीलता में प्रसिद्ध राजा बलि ने यज्ञ में वामन वेश में आए विष्णु भगवान को वर मांगने को कहा। भगवान ने दो ही पग में धरती व आसमान को नाप लिया। भगवान ने कहा तीसरा पग कहां रखूं तो बलि ने अपना शरीर अर्पित कर दिया। विष्णु भगवान प्रसनहुए और वरदान दिया राजा बलि को। वहीं रानी कर्णावती ने एक बार अपने राज्य को बचाने के लिए मुगल राजा को राखी भेजी थी। हुमायूं ने राखी की लाज रखी और रानी की मदद में आए।
एक कथा के अनुसार ग्रीक नरेश महान सिकंदर की पत्नी ने सिकंदर के शत्रु पुरुराज की कलाई में राखी बांधी थी ताकि युद्ध में उनके पति की रक्षा हो सके| और ऐसा हुआ भी, युद्ध के दौरान कईं अवसर ऐसे आए जिनमें पुरुराज ने जब भी सिकंदर पर प्राण घातक प्रहार करना चाहा, किन्तु अपनी कलाई पर बंधी राखी देख पुरुराज ने सिकंदर को प्राणदान दिया|
महाभारतकाल में जब श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था तो उस समय उनकी ऊँगली कट गयी थी| श्रीकृष्ण के ऊँगली से रक्त बहता देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्ला फाड़ कर उनकी ऊँगली पर बाँध दिया था| वह साड़ी का एक टुकड़ा किसी रक्षासूत्र से कम नहीं था अतः श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को सदैव उनकी रक्षा करने का वचन दिया| और जब आगे जाकर भरी सभा में दु:शासन द्रपुदी का चीरहरण कर रहा था और पांडव और अन्य सभी उनकी सहायता नहीं कर पा रहे थे तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज राखी और अपना वचन पूर्ण किया|