विमलेश तिवारी (लखनऊ) :: बाराबंकी विकाश खंड देवा तहसील नवाबगंज की ग्राम पंचायत जबरी खुर्द के बाबूलाल पुत्र मतई अपनी ग्राम पंचायत के सबसे गरीब व्यक्ति हैं कई बार ब्लॉक द्वारा जांच में आए अधिकारी जिन्हें शायद उनकी टूटी झोपड़ी नजर नहीं आती क्योंकि उनके पास अधिकारियों को भेट चढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं है जीविका का मुख्य साधन दिहाडी मजदूरी है छोटे-छोटे दो बच्चे जो क्रमशः3व् 4 साल की उम्र के हैं उनके द्वारा बताया गया कि कई बार हम अधिकारियों से इस बाबत प्रार्थना कर चुके है कि साहब हमारी गरीबी और छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए हमको कॉलोनी दिला दीजिए जिससे हमारा परिवार चैन की नींद गर्मी बारिश और जाड़े में सो सके एक तरफ सरकार गरीबों के लिए आवास देने के लिए कटिबद्ध है
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वही उनके प्रशासनिक अमले के आंख पर पट्टी बंधे होने के कारण यह गरीब जिसके परिवार में बच्चों व पत्नी सहित कुल 4 सदस्य हैं ।यही नहीं यह परिवार अनुसूचित जाति का बेहद गरीब भूमिहीन परिवार है। अब देखना है क्या अधिकारियों की आंख की पट्टी मजबूर बेसहारा भूमिहीन दिहाडी मजदूर के टूटीफूटी झोपड़ी की तरफ जाती भी है या नहीं देखने वाली बात होगी कि सरकार की मंशा पर यह अधिकारी कहां तक खरेउतरतेहैं या कार्यालय में बैठकर झूठी रिपोर्ट गडकर सरकार को भेज देते हैं ।वरना यह गरीब आवास से कैसे वंचित रह गया।
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