काठमांडू नेपाल वन निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद के लिए खुली प्रतियोगिता में मोरंग विराटनगर मेट्रोपॉलिटन सिटी १३ के पंकज कुमार दास ने ७४ं.३१ अंकों के साथ प्रथम, बजहांग के थालारा ग्राम नगर पालिका ६ के रामेश्वर भट्टराई ने ४९.६२ अंकों के साथ दूसरा और काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी १३ के अच्युत राज पहाड़ी ने तीसरा स्थान हासिल कियांं ३५.८९ अंक। दास और भट्टराई दोनों फरेस्ट्री के छात्र हैं। पहाड़ि अन्य विषयों की हैं।
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वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित चयन समिति ने तीन आवेदकों की शॉर्टलिस्ट का मूल्यांकन किया था और उन्हें नियुक्ति के लिए मंत्रालय को सिफारिश की थी। इसी क्रम में मंत्रालय के सचिव डॉ। पेमनारायण कंदेल ने तीन उम्मीदवारों के नाम १३ मे २०२१ को निर्णय के लिए मंत्रिपरिषद को भेजे थे। वर्णानुक्रम में पहले पहाड़ी का नाम, दास का नाम दूसरा और भट्टराई का नाम तीसरा बताया गया।
कैबिनेट ने प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा नंबर पाने वाले दास को पीछे छोड़ते हुए प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे भट्टाराई को सीईओ नियुक्त किया है। मंत्रालय के एक सूत्र ने कांतिपुर को बताया, यह प्रतियोगिता के तौर तरीकों का मजाक था । राजनीतिक नियुक्तियां खुली प्रतियोगिता के तौर पर की जाती थीं । बझांग के भट्टाराई को एमाले निकट माना जाता है। उनका दावा है कि वह पहले पार्टी में सक्रिय थे लेकिन अब सक्रिय नहीं हैं। मैं पेशेवर महासंघ के अलावा कहीं भी सक्रिय नहीं हुं उन्होंने कहा।
मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ। बुद्धिसागर पौडेल के मुताबिक कैबिनेट ने १५ जून २०२१ को भट्टाराई को (सीईओ) नियुक्त किया था । हालांकि मंत्रालय ने चयन समिति की सिफारिश को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है, लेकिन मंत्रिपरिषद के फैसले को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।चयन समिति ने आवेदक का मूल्यांकन व्यावसायिक कार्य योजना, शैक्षिक योग्यता, व्यावसायिक कार्य योजना की प्रस्तुति और संबंधित सार्वजनिक निकाय के साक्षात्कार के आधार पर किया। समिति में मंत्रालय के प्रशासन प्रभाग के मुख्य समन्वयक, मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक संयुक्त सचिव और मंत्रालय द्वारा नियुक्त सार्वजनिक निकायों के विषय पर एक विशेषज्ञ सदस्य शामिल थे।
पहले चरण में, मंत्रालय ने १८ अगस्त २०१९ को रिक्तियों को भरने के लिए एक सार्वजनिक आह्वान किया था। प्रेम बहादुर आले वन मंत्री बनने के बाद प्रक्रिया फिर से शुरू हुई।
सीईओ के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से वन विज्ञान या प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन या अर्थशास्त्र और प्रबंधन में कम से कम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए और कम से कम सात साल के लिए एक सार्वजनिक या निजी संस्थान में प्रबंधकीय पद पर काम किया हो और ३० का उम्र तक पहुंच गया हो ।
मंत्रालय का गठन ०३ अगस्त २०१८ को साविक के टिम्बर कॉर्पोरेशन ऑफ नेपाल लिमिटेड और वन उत्पाद विकास समिति द्वारा किया गया था। निगम के नियमों में प्रावधान है कि सीईओ का कार्यकाल ४ वर्ष का होता है। निगम में पहली बार सीईओ की नियुक्ति हुई है।
इससे पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वन उत्पाद विकास समिति पहले की तरह काम कर रही है। समिति के अधीन प्रान्त २ के सरलाही एवं रौतहट में सागरनाथ वन विकास परियोजना तथा प्रान्त १ के झापा में रतुवामई वन विकास परियोजना प्रचालन में है।
साल, मसाला और टिक सहित पेड़ों की अन्य प्रजातियों को काटने की योजना के साथ परियोजनाओं का प्रबंधन करने वाली समिति को भी निगम के अधीन रखा गया था। राज्य २ के उद्योग, पर्यटन, वन और पर्यावरण मंत्रालय ने इसे निगम के तहत रखने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का निगम में विलय करने के फैसले को लागू नहीं करने का अंतरिम आदेश दिया है।
नेपाल में हो रहे मधेशियो के साथ बिभेद कोई नई बात नही परन्तु किसी भी राष्टमें उस देशके सभी नागरीको को बराबर की अधिकार होती है, रंग ओर नस्लकी राजनिति नही होनी चाहियें । नेपाल सरकारको ईस बिषय पे संज्ञान लेते हुए नेपाल वन निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ पद के लिए खुली प्रतियोगिता में उच्च अंक प्राप्त करने वाले पंकज कुमार दास नियुक्त होना चाहिए।
अत: इस पद्दती के परिणाम का मिशन टू करोड चित्रांश अन्तर्राष्ट्रीय घोर आपत्ती ब्यक्त करती है ।
साभार – कान्तिपुर दैनिक ई पेपर, काठमांडू, (नेपाल)