लखनऊ (मुकेश कुमार) :उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात की जाए तो यहां लखनऊ नगर निगम की कई ऐसी बहुमुल्य जमीनें हैं जो इन दिनों तालाब में तब्दील हो चुकी हैं। अकेले राजधानी के सरोजनी नगर सेकंड क्षेत्र की कालोनियों में ही कई ऐसी बहुमुल्य निगम की जमीनें हैं जिसका इस्तेमाल जनहित में या नगर निगम की आय के स्रोत के रूप में किया जा सकता है या इन जमीनों का प्रयोग नगर निगम लखनऊ की आय में वृद्धि के साधन के रूप में हो सकता है। परंतु जलनिकासी व सीवर लाइन के अभाव के कारण लोगों द्वारा इन जमीनों पर जलभराव द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से ही सही अतिक्रमण किया जा रहा है। यूं कहें तो इन बहुमुल्य जमीनों पर सालों साल जलभराव रहता है। हालत तो यह है कि कुछ बहुमुल्य जमीनें पुरी तरह से तालाब की शक्ल ले चुकीं हैं ।
जिसपर शायद ही कभी कोई कार्य किया जा सके। कुछ जमीनें तो जलभराव के कारण सालों भर जलकुंभी से पुरी तरह से ढकी रहती हैं। जिसके कारण इन क्षेत्रों में वर्तमान समय में मच्छरों का प्रकोप होने के साथ-साथ भविष्य में महामारी फैलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। जरुरत है इन क्षेत्रों में सीवर जल निकासी की व्यवस्था करने की। जिससे यह बहुमूल्य जमीनें जलभराव से मुक्त हो सके।
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यहां ज्ञात हो कि आजाद नगर, तपोवन नगर,बदाली खेड़ा, रुस्तम बिहार,समा बिहार, मकदूम नगर आदि सरोजनी नगर सेकंड लखनऊ की प्रमुख कालोनियों में जलनिकासी की कोई भी व्यवस्था नहीं है। बारिश के मौसम में इन क्षेत्रों की दयनीय स्थिति देखकर आप भी अचरज में पड़ सकतें हैं। परंतु जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों ने भी जनहित में अति आवश्यक समस्या के समाधान के लिए ध्यान नहीं दिया।