चकरनगर/इटावा (डॉ एस बी एस चौहान) : इटावा जनपद की तहसील चकरनगर से करीब साढे़ 10 किलोमीटर पूर्वांचल दिशा में स्थित श्री नरसिंह मंदिर गौहानी जो करीब सन 1220 में स्थापित किया गया था जिसका समय समय जीर्णोद्धार संबंधित पीठासीन अधिकारी के रूप में संत पुजारी करते आ रहे हैं।
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आज यही मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है जहां पर लोग अपनी मिन्नतें मनाते हुए अपने जीवन का सुखानुभूति करते हैं। यह मंदिर चौहान नरेश जिन्होंने अपने राज्य स्थापित करने से पूर्व यमुना तट के किनारे स्थित राजस्व गांव गौहानी में स्थापित किया था।
इस मंदिर में क्रोधावतारी, दुश्मन का नाश करने वाले प्रहलाद भक्त की मुसीबत को टालने के लिए सिंह का मिश्रित मानव शरीर जिसे श्री नरसिंह रूप कहते हैं प्रकट हुए थे, और उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।
वही नरसिंह रूप की प्रांण प्रतिष्ठा इस भव्य मंदिर में है इस मंदिर में मूर्ति के दर्शन हेतु दूरदराजी इलाकों से लोग अपनी मन्नतें और अपनी मनौती मनाने के लिए आते हैं।
ग्रामीणों का भी कथन है कि यह सब मंदिर के पास जो श्रद्धा से आकर सिद्ध पीठ के सामने अपनी मांग रखता है उसकी मांग हर हालत में 30 सेकंड से लेकर 30 दिनों के अंदर पूरी होती है। ऐसी यहां पर लोगों की आस्था है।