डेस्क : फायर सेफ्टी को लेकर राज्य सरकार ने अब नया फरमान जारी कर दिया है. बिहार के अंदर बनने वाली 15 मीटर या उससे अधिक ऊंची इमारतों के लिए अब फायर ब्रिगेड की तरफ से एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
- पत्रकार के साथ लहेरियासराय थाना की पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई का दिया आदेश
- Meet one of Bihar’s youngest entrepreneur RAJESHWAR RANA
- लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहा है केंद्र सरकार – डॉ मुन्ना खान
- मिथिला के चाणक्य होटल मैनेजमेंट कॉलेज को मिला ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ होटल मैनेजमेंट कॉलेज 2024’ का सम्मान
- कई सीनियर IAS अधिकारियों का तबादला, यहां देखें पूरी लिस्ट…
राज्य सरकार ने बिहार अग्निशमन सेवा नियमावली 2021 में नए प्रावधान को जोड़ा है. इसके तहत अब 15 मीटर या उससे अधिक ऊंची इमारतों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र या अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी लेना जरूरी होगा. इस नियम के दायरे में वह इमारतें आएंगी, जिनका भूतल 500 वर्ग मीटर होगा.
आपको बता दें कि पहले के नियम के मुताबिक केवल कुछ इमारतों के लिए ही यह अनुसुइया जाना जरूरी था. लेकिन अब सरकार ने फायर सेफ्टी का दायरा बढ़ाते हुए नियमों में बदलाव किया है. अब 9 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले शैक्षणिक के भवन जिनका टोटल एरिया 300 वर्ग मीटर हो. उन्हें भी फायर ऑडिट कराना जरूरी होगा.
अग्निशमन सेवा हेड क्वार्टर से प्रमाण पत्र के लिए भवन के नक्शे के साथ राज्य अग्निशमन पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा. इसके बाद जांच की प्रक्रिया होगी और तब एनओसी जारी किया जाएगा.
सरकार ने एनओसी के लिए 2 रुपये से लेकर 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क तय किया है. इसमें आवासीय भवनों से 2 रुपये, सभा भवन या किसी संस्था के भवनों से 4 रुपये, शैक्षणिक भवनों से 6 रुपये, वाणिज्यिक भवनों से 8 रुपये, भंडारण औद्योगिक भावना से 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लिया जाएगा.