लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
बिजली के निजीकरण के मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।कांग्रेस के सदस्य वेल में आए,वहीं सपा सदस्यों ने विधानसभा से वॉक आउट किया।सपा का कहना है कि यह सरकार कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बिजली व्यवस्था का निजीकरण कर रही है।ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आगरा में सपा सरकार ने क्या किया था।
5 शहरों के निजीकरण पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए निजी हाथों में बिजली व्यवस्था दी जा रही है।उन्होंने कहा कि केवल राजस्व वसूली और लाइन लॉस को कम करने के लिए निजी कंपनी को लगाया जाएगा।उन्होंने बताया कि उत्पादन और ट्रांसमिशन का निजीकरण नहीं हो रहा है। श्रीकांत शर्मा ने आगे कहा कि सरकारों भवनों पर बिजली बकाया एक साल के अंदर पूरा जमा हो जाएगा।सभी सरकारी भवनों में प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
बिजली निजीकरण पर कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वाराणसी, गोरखपुर, मुरादाबाद और लखनऊ में विद्युत का निजीकरण होना उत्तर प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।आज हमने नियम 311 के अंतर्गत इस सवाल को सदन में रखा और कहा कि विद्युत का निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है।इसी के चलते रविवार को दारुल शफा की बिजली काट कर बिजली कर्मचारियों ने अपना रोष दिखाया था।
27 मार्च को उन्होंने ऐलान किया है कि पूरे उत्तर प्रदेश में पूरे कर्मचारी और अभियंता हड़ताल पर चले जाएंगे।इससे उत्तर प्रदेश में अस्थिरता आ जाएगी।इस पर सरकार का जवाब पूरा चौकाने वाला था।उन्होंने पूछा कि क्या यह यह सरकार पूरी तरीके से बड़े आदमियों फायदा पहुंचाने का काम कर रही हैं।