डेस्क : प्रत्येक साल कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को कर्म का लेखा-जोखा करने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा होती है। चित्रांश समाज इसे धूमधाम से मनाता है। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूजा सादगी से हो रही है।
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मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के पाप-पुण्यों का लेखा-जोखा रखते हैं। जो जैसी करनी करता है, मृत्यु के पश्चात उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। आज के दिन चित्रगुप्त की पूजा से बुरे कर्म कट जाते हैं। मृत्यु बाद स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। दूसरी ओर चित्रगुप्त महाराज को बुद्धि का भी देवता कहा जाता है। अत: आज के दिन कलम-दवात की पूजा का भी विधान है।
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चित्रगुप्त पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त::
विजय मुहूर्त दोपहर 01:53 बजे से दोपहर 02:36 तक है। अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:44 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक।