डेस्क : राष्ट्रीय सेवा योजना के महारानी कल्याणी महाविद्यालय की इकाई में आज राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस 2021 के उपलक्ष में ऑनलाइन /ऑफलाइन मोड में वेबीनार तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत के साथ हुआ। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास हेतु युवा कार्यक्रम संचालित करती है तथा हर साल 24 सितंबर को राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया जाता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ लक्ष्मण प्रसाद जयसवाल जी ने कहा कि यह देश के लिए सौभाग्य की बात है कि स्वयंसेवकों के समाज सेवा एवं समर्पण भाव से देश का चौमुखी विकास हो रहा है। महात्मा गांधी जी को युवाओं की शक्ति का पूर्ण ज्ञान था इसलिए गांधी जी ने युवाओं को राष्ट्रीय सेवा योजना से जोड़ने पर विशेष बल दिया था।
- पटना वाले खान सर अस्पताल में भर्ती
- सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा ने उन्नाव पुलिस का बढ़ाया मान, ‘युवा सोच अवार्ड’ से हुए सम्मानित
- बहेड़ी में दिनदहाड़े बाप बेटे समेत 3 को बुरी तरह पीटकर किया ज़ख़्मी, एक की हालत गंभीर पीएमसीएच रेफर
- देवघर में राजेश्वर राणा, बाबा बैद्यनाथ का किए दर्शन पूजन
- दरभंगा के आजमनगर में अंधाधुंध फायरिंग 3 जख्मी, लूट का प्रयास विफल लूटी गई बाइक बरामद
इस वेबीनार के मुख्य वक्ता डॉ कामेश्वर ठाकुर ने कहा कि देश की सेवा में युवाओं की भागीदारी अवश्य होनी चाहिए। इस कोविड-19 की विकट परिस्थिति में स्वयंसेवकों द्वारा किया गया जागरूकता अभियान एवं श्रम सेवा अद्वितीय है। इस कार्यक्रम की दूसरी मुख्य वक्ता डॉक्टर श्वेता शशि ने राष्ट्रीय सेवा योजना की मूल भावना की जानकारी दी और कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना समाज सेवा के कार्यों को निष्ठा पूर्वक करने के लिए हुआ है। मुझे यह विश्वास है कि यह समाज हित और सेवा की भावना का प्रसार यूं ही निरंतर प्रवाहमान बना रहेगा और देश को सदैव उन्नति के शिखर की ओर ले जाएगा।
कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रियंका राय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से न केवल छात्रों का व्यक्तित्व और चरित्र विकास होता है इसके साथ ही साथ राष्ट्र का निर्माण और राष्ट्र- विकास में भी इसकी महत्ता भूमिका होती है।
नि:स्वार्थ और पूर्ण समर्पण भाव से समाज की सेवा करना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति होती है और सच्चा समाज सेवा यही है। इसके मूल उद्देश्यों को अपने जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है। विचार जब वास्तविकता के धरातल पर उपजते हैं तब ही उसकी सार्थकता और जीवंतता की सार्थकता परिलक्षित होती है।
इस शुभ अवसर पर आयोजित व्याख्यान प्रतियोगिता में ब्यूटी कुमारी ने प्रथम, शुभम कुमार झा ने द्वितीय, आनंद कुमार ने तृतीय, पोस्टर प्रतियोगिता में द्रक्षा कलीम ने प्रथम, अंशु कुमारी ने द्वितीय, विजेता कुमारी ने तृतीय तथा वाद- विवाद प्रतियोगिता में सलोनी कुमारी ने प्रथम, अमृता कुमारी ने द्वितीय, रेहान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर डॉ परवेज अख्तर, डॉ शम्शे आलम, डॉ सरोज चौधरी, डॉ सच्चिदानंद मिश्र, डॉ विश्व दीपक त्रिपाठी, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ आलोक प्रभात, डॉ गीतांजलि चौधरी, डॉ रीता कुमारी एवं रतन चौधरी जी तथा अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे।