पटना (संजय कुमार मुनचुन) : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के खिलाफ ‘बिहार बंद’ का राज्य में व्यापक असर रहा। छिटपुट हिंसा के बीच पूरे सूबे में जनजीवन ठप रहा।
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पटना में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने डाकबंगला चौराहे पर सभा की। वहां बंद के समर्थन में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा भी पहुंचे। पांच घंटे तक पटना का डाकबंगला चौराहा प्रदर्शनकारियों के कब्जे में रहा। पटना के एक स्थानीय इलाके में बंद के दौरान गोली चलने से चार घायल हो गए। उपद्रवियों ने पत्रकारों को पीटा। कैमरे तोड़े। इससे एक फोटो जर्नलिस्ट का सिर फट गया।
पटना के फुलवारीशरीफ में दो गुट भिड़ गए। इस दौरान पथराव हुआ। दोनों ओर से चलीं गोलियों में छह लोग जख्मी हो गए। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हैं। यहां पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया। फिर भी भीड़ शांत नहीं हुई तो हवाई फायरिंग करनी पड़ी। करीब ढाई सौ राउंड आंसू गैस के गोले दागे गये।
राजद द्वारा आहूत इस बंद को विपक्ष का पूरा समर्थन मिला। बंद में राजद के साथ ही महागठबंधन के सभी घटक दलों व वामदलों के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। बंद के दौरान राज्य में एनएच समेत प्रमुख सड़कों पर आवागमन बाधित रहा। एनएच पर जहां-तहां लगी ट्रकों की लंबी कतार लग गईं। कई जगहों पर ट्रेनें भी रोकी गईं।
राजद और विपक्ष के बंद को लेकर शनिवार को दरभंगा शहर समेत जिलेभर में उग्र प्रदर्शन हुआ। बंद समर्थकों ने सुबह में दरभंगा जंक्शन पर 20 मिनट तक बिहार संपर्क क्रांति को रोके रखा। वहीं, हायाघाट में समस्तीपुर से दरभंगा आने वाली जानकी एक्सप्रेस को भी आधे घंटे के लिए रोके रखा। जाले के देवरा बंधौली हाल्ट पर दरभंगा से रक्सौल जाने वाली सवारी गाड़ी को भी कुछ देर के लिए रोका गया।
एनएच 57 पर सिमरी और शोभन में राजद कार्यकर्ता सड़क पर बैठे हुए हैं। लहेरियासराय टावर पर बहादुरपुर के राजद विधायक भोला यादव समर्थकों के साथ सड़क पर बैठे हुए थे। इसके अलावा विभिन्न प्रखंडों में सड़कों को जाम कर दिया गया है जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी।
बंद के कारण बस स्टैंड, अस्पताल व कई सार्वजनिक जगह सूना-सूना दिख रहा था। इधर, बंद को लेकर पुलिस सतर्क था। जगह-जगह पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। एसएसपी बाबू राम खुद स्थिति पर नजर रखे हुए थे।