डॉ.एस.बी.एस.चौहान
चकरनगर,इटावा। क्या नजारा था जब श्रीयमुना तट पर तीन अर्थियां पंचतत्व में विलीन हो रही थीं। दर्जनों परिजन दहाड़े मार-मार कर रो रहे थे।
इन्हें देखकर सैकड़ों नागरिक डम्फर द्वारा टक्कर मारे से अब तक 7 मौतों पर गम जमा थे वहीं जिला व तहसील प्रशासन चकरनगर विकासखंड मुख्यालय में शपथ ग्रहण के आलीशान जश्न में मशगूल रहकर प्रशासनिक संवेदनहीनता का नमूना पेश कर रहा था।
इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने कहा कि प्रशासन को सामूहिक अकाल मृत्यु के शिकार मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट कर संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए था, तथा आज संपन्न समारोह को अन्य दिवस के लिए टाल देना चाहिए था।
तो प्रशासन के लिए संवेदनशीलता की वाह-वाह हो सकती थी। एसा करके प्रशासन ने यह कार्यक्रम अपनी आलोचना में बदल लिया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार गत दिनों डम्फर और थ्री व्हीलर की सब्दलपुर वरी के पास भिड़ंत हो जाने से घटनास्थल पर ही 3 लोगों की मौतें हो चुकी थीं।
उसके बाद चलते इलाज दौरान 3 और मोतें हो गई। अभी तकरीबन 8 मरीज अस्पताल में भर्ती होकर इलाज चल रहा है। यह जो हादसा हुआ है इस हादसे के बाशिंदे जरहौली गांव थाना बढ़पुरा के रहने वाले थे जिसमें 17 वर्षीय बालक विपिन, सीता देवी पत्नी विजय सिंह 45 वर्ष, वीरेंद्र पुत्र रामदास 50 वर्ष, छोटी धर्मपत्नी वीरेंद्र 45 वर्ष, इसके साथ-साथ वीरेंद्र की एक समधिन जिनका नाम राधा बताया गया और वीरेंद्र सिंह के भांजे भगवत सिंह की भी मौत हो गई।
भला विचारणीय तथ्य यह है कि इस चंबल वैली जो उदी से लेकर भरेह और पचनद तक एक ही बेल्ट मानी जाती है। जो दुर्घटना हुई है वह तहसील क्षेत्र चकरनगर के अंतर्गत हुई है। जहां पर गमगीन माहौल छाया हो लोगों में शोक की लहर के दौरान भयंकर पीड़ा महसूस हो रही हो और वहां पर तहसील प्रशासन के मुखिया उप जिलाधिकारी चकरनगर जिन्होंने इस घटना को संवेदनशीलता से न जोड़ते हुए लगता है कि जिला प्रशासन को अवगत भी नहीं कराया और आज का पूर्व से निर्धारित दिन पर शपथ ग्रहण समारोह विकासखंड मुख्यालय पर जश्न के साथ मनाया गया।
इन हुई अकाल मौतों और अस्पताल मैं मुसीबतों की झाडू में फंसे वह 8 पीड़ितों की किसी को कोई परवाह नहीं रही और विकासखंड मुख्यालय पर शपथ ग्रहण समारोह भले ही सादे वेश में किया गया हो लेकिन जहां शपथ ग्रहण की जा रही हो वहां पर खुशियों को कितना दबाया जा सकता है यह तो खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
यहां पर एक बात जो अपुष्ट सूत्रों के माध्यम से मिली है उसमें हम कह सकते हैं कि जिस वक्त दुर्घटनाग्रस्त पल्टा खाऐ डम्फर खड़ा किया गया है तो वहां पर एक बच्चा के शव के होने की और सूचना मिली है लेकिन पुलिस अपने फोन के माध्यम से वहां ग्रामीणों को भी सूचित करती है की डम्फर के समय मैं यानी पुलिस अधिकारी मौजूद था किसी प्रकार का कोई डेड बॉडी नहीं निकली।
यानी यह बात सिरे से खारिज की जा रही है, लेकिन क्षेत्र में चर्चा है कि इस डम्फर के तले कोई अज्ञात शव जो चपेट में आने पर दुर्घटनाग्रस्त हो मौत का शिकार हो गया होगा। हालांकि जब वहां पर कोई सबूत नहीं है तो आब उसे सिद्ध कर पाना नामुमकिन सा लग रहा है और जो पुलिस कहेगी वही माना जाएगा, लेकिन इसके पीछे अन्य सूत्र जानकारी करने के लिए तत्परता से जुटे हुए हैं और सबूत सही पाए जाने पर उसका खुलासा कर दिया जाएगा।
जो भी हो इस गमगीन वातावरण में तहसील प्रशासन के मुखिया उप जिलाधिकारी/तहसीलदार चकरनगर जिन्होंने इस घटना को संवेदनशीलता से न जोड़ते हुए लगता है जिला प्रशासन को अवगत भी नहीं कराया और आज का पूर्व से निर्धारित दिन पर ही शपथ ग्रहण समारोह विकासखंड मुख्यालय पर जश्न के साथ मनाया गया।
मदांध नेता और मूंक तहसील प्रशासन इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में अपनी हिम्मत नहीं जुटा सका और शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो चुका। यहां पर एक चर्चा करना लाजिमी है कि स्थानीय मीडिया कर्मियों(जो संस्था से संस्थागत हैं) ने शपथ गृहण कार्यक्रम का लगभग बहिष्कार करते हुऐ सिरे से नकार दिया और गमगीन माहौल में अपनी हिस्सेदारी दर्ज की।