बिहार/पटना (संजय कुमार मुनचुन) : बिहार रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने एक बार फिर बिहार के सियासत में सनसनी ला दी है। पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में बी पी मंडल जन्म शताब्दी समारोह में शामिल कुशवाहा के बयानों ने एक बार फिर NDA खेमे में खलबली मचा दी है।
उन्होंने कहा यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियों का चावल मिल जाए तो खीर बनने में देर नहीं। हमलोग साधारण परिवार से आते हैं और आज भी खीर को घर का सबसे स्वादिष्ट व्यंजन के तौर पर जानते हैं लेकिन खीर बनने के लिए सिर्फ दूध और चावल ही नहीं बल्कि पंचमेवे की जरूरत पड़ेगी।
वे जहां से आते हैं वहां पंचफोरना बहुत प्रचलित शब्द है। चीनी की जरूरत पड़ेगी तो पंडित शंकर झा हैं ही। खीर बन जाने के बाद भूदेव चौधरी के यहां से तुलसी के पत्ते ले आयेंगे और बैठकर खाने के लिए जुल्फीकार अली बराबी के यहां से दस्तरख्वान ले आयेंगे। यही है सामाजिक न्याय हक से ज्यादा कोई न ले और हक से वंचित कोई न हो। सभी को उसका वाजिब हक मिले. उनकी पार्टी इसके लिए हमेशा लड़ती रही। जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।
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ज्ञात हो कि पटना का श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल इससे पहले भी कई परिवर्तन का गवाह बना है पूर्व में इसी हाल में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने 2 धुर विरोधी नीतीश कुमार और लालू यादव एक मंच पर पहुंचे थे उनकी इसी मुलाकात में महागठबंधन की नींव रखी थी और आज इसी हाल से उपेंद्र कुशवाहा ने यह बयान देकर एक बड़े परिवर्तन का संकेत दे दिया है।