चकरनगर/इटावा,13 जून। कोविड-19 के चलते दुष्प्रभाव जहां एक तरफ गरीब तबके के लोग जिनकी माली हालत अच्छी नहीं है अपनी रोजी-रोटी और गुजर-बसर के लिए जो देश परदेश पड़े हुए थे वह चलते कोरोना संक्रमण के भय से अपने-अपने गांव वापस आए हैं। भुखमरी की स्थिति में न पहुंचे इसके लिए शासन और प्रशासन ने ग्राम प्रधानों के माध्यम से नरेगा का कार्य शुरू किया है। इस कार्य के प्रारंभ होने से यह तो कहा जा सकता है कि ग्रामीणों की माली हालत नहीं सुधरेगी पर उनकी रोजी-रोटी का खर्चा वाहन करने के लिए ग्राम प्रधान,पंचायत मंत्री, खंड विकास अधिकारी यह जिम्मेदार विभागीय लोग बेरोजगारों की मजबूरी को ध्यान में रखते हुए उनसे हल्का-फुल्का कार्य कर उन्हें धन अर्जन करवा रहे हैं। जिसके चलते आम गरीब तबके के लोग राहत की सांस महसूस कर रहे हैं।
गौहानी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि डॉ विश्वनाथ प्रताप सिंह के बारे में रोजगार परक कार्य करने वाले गरीब तबके के कुछ लोगों ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर ग्राम प्रधान अपनी जेब से जरूरतमंदों को पैसे का भुगतान दे देते हैं जिससे जरूरत का कार्य संपादित किया जा सकता है। इससे लोगों ने बेहद राहत की सांस ली है नाथूराम विश्वकर्मा बताते हैं कि ग्राम प्रधान के स्वभाव से हम गरीब तबके के लोगों को बेहद राहत मिली है इस विषम परिस्थितियों में जहां मुझे रोजी रोटी के लिए कोई साधन नहीं था उसके लिए ग्राम प्रधान ने नरेगा के तहत कार्य प्रारंभ किया है।उसके साथ साथ इस कार्य में कोई ऐसा दबाव नहीं है, हम मजदूर समय और परिस्थिति के अनुसार भी कार्य करते हैं तो ग्राम प्रधान उस पर भी राजी हो जाते हैं।
किसी भी गरीब तबके के व्यक्ति को नाहक परेशान नहीं करते हैं।पर्वत सिंह बताते हैं के ग्राम प्रधान के स्वभाव और कार्यशैली से हम गरीब तबके के लोगों को इस संकट की घड़ी में बेहद राहत भरी सांस मिली है इसके लिए हम सब हृदय से खंड विकास अधिकारी, पंचायत मंत्री और ग्राम प्रधान सहित प्रतिनिधि को धन्यवाद देते हैं।
अन्नू कठेरिया बताते हैं कि हमारे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हम लोगों को हावड़ा चलाकर गिरी बताते हैं कि किस तरीके से फावड़ा चला कर कार्य को संपादित करना चाहिए हम लोगों के बीच में उपस्थित रहकर जब थोड़ा चलाते हैं तो हम लोगों का साहस और हौसला बेहतरीन तरीके से भरता है और हम लोग कार्य और इमानदारी के साथ करते हैं।
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