डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जब वरिष्ठ नौकरशाहों को संबोधित किया तो उन्होंने न केवल दूसरे कार्यकाल में राजग सरकार के विजन को सामने रखा, बल्कि अफसरों को यह भरोसा भी दिलाया कि उन्हें किसी भी तरह डरकर काम करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनका एजेंडा है लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना।
अपने आवास पर सभी मंत्रालयों के सचिवों के पहली बैठक में मोदी ने कहा कि जनता ने उन्हें बदलाव लाने के लिए जनादेश दिया है। ऐसे में हमें उनकी उम्मीदों पर आगे बढ़कर काम करने और उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति से काम करने की जरूरत है। लोगों की अपेक्षाओं को चुनौती नहीं, बल्कि अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सचिवों से कहा कि आप सभी अपने आपको प्रधानमंत्री समझिए और देश, समाज और खासकर गरीबों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए काम कीजिए। अगर ऐसा करते हुए आपसे अनजाने में कोई मौलिक गलती हो जाती है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। यह मेरी गलती होगी। किसी प्रधानमंत्री की ओर से शीर्ष नौकरशाहों को इस तरह शायद ही पहले कभी भरोसा दिलाया गया हो। अपनी पिछली पारी में केवल मंत्रियों को ही नहीं, हर स्तर के अधिकारियों को भी साथ लेकर चलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई पारी की शुरुआत भी वैसे ही की है।
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सचिवों के साथ बैठक में मोदी ने हाल के लोकसभा चुनाव में सरकार समर्थक लहर का श्रेय भी अफसरों को दिया। उन्होंने 2014 की बैठक की याद दिलाते हुए कहा, आप सभी ने जिस कड़ी मेहनत से काम पूरा किया, इसी का परिणाम था कि चुनाव में हमारे पक्ष में सकारात्मक वोट पड़े। प्रधानमंत्री ने सचिवों के लिए दो टास्क भी तैयार कर दिए-सभी मंत्रालयों के लिए अगले पांच साल का लक्ष्य और उस लक्ष्य के लिए किए जाने वाले फैसले। उन्होंने कहा कि इन निर्णयों की स्वीकृति अगले सौ दिनों में ही मिल जाएगी। जाहिर है कि सरकार गठन के 10 दिन के अंदर ही अगले पांच साल का खाका तैयार किया जाने लगा है।
बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।बैठक की शुरुआत में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने प्रत्येक मंत्रालय को पांच साल की एक बेहतर योजना बनाने का सुझाव किया, जिसमें लक्ष्य पूरी तरह से तय हों और जो विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सके।
बैठक में सबसे ज्यादा फोकस कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, आइटी क्षेत्र में उठाए जाने वाले कदमों, शैक्षणिक सुधार, स्वास्थ्य, उद्योग नीति, कौशल विकास और आर्थिक विकास आदि को मजबूती देने पर रहा।