राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ
लखनऊ।प्रदेश सरकार गेहूं और धान की तर्ज पर इस साल मोटा अनाज ज्वार, बाजरा और मक्का की भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी। खाद्य विभाग ने एक नवम्बर से शुरू होने वाली मोटे अनाज की सरकारी खरीद की कार्ययोजना तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मोटे अनाज की सरकारी खरीद के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
प्रदेश सरकार अभी तक गेहूं और धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद करती है। केन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार से खरीद करने के लिए कहा था। सरकारी खरीद भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से होगी।
सूत्रों के अनुसार मोटे अनाज की सरकारी खरीद की कार्ययोजना का मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है। मोटे अनाज की खरीद के लिए करीब 250 सरकारी खरीद केन्द्र खोलने का प्रस्ताव है।
खरीद एक नवम्बर से 31 जनवरी तक चलेगी। सरकारी खरीद के तहत ज्वार, बाजरा, मक्का के कुल उत्पादन का 10 फीसदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।
प्रदेश में इस साल इन तीनों फसलों का जो अनुमानित उत्पादन है, उसके हिसाब से करीब 3.50 लाख मीट्रिक टन मोटा अनाज खरीदा जाएगा। इस पर करीब 700 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। जिसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार करेगी। मोटे अनाज के लिए खरीद केन्द्रों का चयन जिलाधिकारी करेंगे।
पढें यह भी ख़बर-लखनऊ:दस सितम्बर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कामयाब बनाने में जुटी राष्ट्रवादी कांग्रेस
खरीद वो सभी सरकारी खरीद एजेंसियां करेंगी जो गेहूं और धान खरीदती हैं। सरकारी खरीद खाता नंबर वाली खतौनी, खसरा और आधारकार्ड के आधार पर होगी। सरकारी खरीद ऑफलाइन होगी और किसानों को भुगतान आरटीजीएस के द्वारा किया जाएगा। बोरों की व्यवस्था खाद्य विभाग करेगा।
सरकारी खरीद में खरीदे गए मोटे अनाज का वितरण मध्यान्ह भोजन योजना, आईसीडीएस और खाद्य सुरक्षा योजना में दिया जाएगा। प्रदेश की आवश्यकता से अधिक खरीदी गई मोटे अनाज की मात्रा केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को खरीद खत्म होने के अधिकतम 3 माह के अंदर देनी होगी।