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यूपी:गृहमंत्री राजनाथ ने छात्रों से की मन की बात, कहा नहीं बनना चाहता था राजनेता

यूपी:गृहमंत्री राजनाथ ने छात्रों से की मन की बात, कहा नहीं बनना चाहता था राजनेता

राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ

लखनऊ।गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को छात्रों से ‘मन की बात’ की। कहा, ‘ मैं राजनेता नहीं बनना चाहता था। उस समय तो यही तमन्ना रहती थी कि हम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में सफलता पाकर आईएएस, आईपीएस बने। मैं तैयारी भी कर रहा था। हमारे बहुत सारे मित्र बन भी गए।’ गृहमंत्री मुस्कुराते हुए कहते हैं कि पैर फिसला और राजनीति में आ गया।यूपी:गृहमंत्री राजनाथ ने छात्रों से की मन की बात, कहा नहीं बनना चाहता था राजनेता

वह मंगलवार को राजधानी के जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में आयोजित ‘बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ’ कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत नुक्कड़ नाटक के साथ की गई। बच्चों ने बेटी बचाओ का नारा दिया। मेधावियों का सम्मान हुआ। इस दौरान गृहमंत्री ने छात्रों से बात की। उनके सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। कार्यक्रम में जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल, मनोज गोयल के साथ राज्यमंत्री स्वाति सिंह, सांसद अंजुबाला के साथ भारी संख्या में छात्र अभिभावक समेत  अन्य मौजूद रहे।

छात्रों के सवालों पर गृहमंत्री के जवाब

सवाल : बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना में आगे क्या-क्या करेंगे?
उत्तर : इस कार्यक्रम को सारे देश में काफी प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। महिला सुरक्षा के लिए और भी कई कदम सरकार ने उठाए हैं। कोशिश यह है कि बेटियों भी आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

सवाल : पहले एक शिक्षक थे। राजनीतिक जीवन में आप उसे कैसे देखते हैं?
जवाब : मैं संस्कारों की बात कर रहा हूं। यहीं शिक्षक होने के कारण ही है। वैसे कभी सोचा नहीं था कि राजनीति में जाऊंगा। बस पैर फिसला और राजनीति में आ गए। तमन्ना आईएएस आईपीएस बनने की थी।

सवाल : आज का युवा भारतीय संस्कृति से दूर क्यों भाग रहा है?
जवाब : इसकी जिम्मेदारी विद्यालय के साथ माता-पिता और पूरी परिवार को उठानी पड़ेगी। भारत की संस्कृति दुनिया में सबसे श्रेष्ठ हैं। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ हमारे ही ऋषि मुनियों ने दिया। उनका मन कितना बड़ा है। दुनिया में किसी भी दूसरे देश या विद्वान ने ऐसा संदेश नहीं दिया था। कई विदेशी विद्वानों ने कहा है कि भारत की संस्कृति को समझने के लिए यहां कई जिंदगी गुजारनी पड़ेगी। तब इसे समझ सकेंगे।

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शिक्षक राजनाथ ने दिए मंत्र, कहा संस्कार अहम

अपने राजनीतिक कौशल से विपक्षियों के छक्के छुड़ाने वाले राजनाथ सिंह जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने छात्रों को सफलता पाने के तीन मंत्र भी दिए। आत्मविश्वास , शिक्षा और ज्ञान के साथ संस्कार ।  गृहमंत्री ने कहा कि बिना संस्कारों के ज्ञान और शिक्षा अधूरी है। उदाहरण देते हुए कहा कि आज आतंकवादियों के पास भी ज्ञान होता है। स्नातक, परास्नातक, इंजीनियर तक हैं। लेकिन, संस्कार न होने के कारण वह उस ज्ञान का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते।

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