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उ.प्र. :: अब आप जल्द ही लखनऊ मेट्रो में कर सकेंगे सफर

लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : आगामी नवरात्रा में लखनऊ मेट्रो को कॉमर्शियल किया जा सकता है। लखनऊ मेट्रो में सफर करने से पहले जरूरी है कि आप यह जान लें कि मेट्रो में क्या करें और क्या नहीं। क्यूंकि मेट्रो परिसर में की प्रतिबंधित हरकत आपको उम्र कैद करा सकती है।

क्या करने पर कितना जुर्माना

मेट्रो में शराब पीकर सफर करना या उत्पाद करना आपको भारी पड़ सकता है। इसके लिए आपको 500 रूपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। इसी के साथ यदि आप आपत्तिजनक सामग्री लेकर सफर करते हैं तो इसके लिए भी आपको ₹500 जुर्माना चुकाना देना पड़ेगा। कोई भी विस्फोटक पदार्थ या अन्य खतरनाक सामान ले जाने में आप पर 5000 तक का जुर्माना और 4 साल तक की जेल हो सकती है। मेट्रो परिसर में कुछ चिपकाना या प्रदर्शन करने पर 6 साल तक की जेल, 1000 रूपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। अनधिकृत तौर से मेट्रो परिसर में घुसने पर 3 महीने की जेल, 600 रूपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। मेट्रो परिसर में अनाधिकृत तौर पर कुछ भी बेचने पर 500 रूपए तक का आर्थिक दंड या 6 महीने तक की सजा हो सकती है। मेट्रो टिकट को ब्लैक में बेचने पर 500 रूपए तक का जुर्माना, 3 महीने तक की कैद या दोनों हो सकता है। मेट्रो के संचालन में किसी तरह की बाधा पैदा करने पर 5000 रूपए तक का आर्थिक दंड, 4 साल तक की कैद या दोनों हो सकता है। मेट्रो अधिकारी को कार्य में बाधा डालने पर 1000 रूपए तक का जुर्माना, 1 साल तक की जेल या दोनों हो सकता है।

मेट्रो में बिना टिकट की सवारी करने पर 50 रूपए के फाइन के साथ किराया चुकाना होगा या 1 महीने की जेल हो सकती है। किसी प्रकार की जालसाजी करने पर 500 रूपए तक का जुर्माना, 6 महीने की सजा या दोनों हो सकती है। मेट्रो स्टेशन पर लगे इमरजेंसी सिचुएशन के लिए अलार्म या मेट्रो में टॉक बैक बटन का दुरूपयोग करने पर एक हजार तक का जुर्माना, 1 साल तक की सजा या दोनों हो सकता है। मेट्रो द्वारा लगाए गए पब्लिक नोटिस से छेड़खानी करने पर 2 महीने तक की सजा, 250 रूपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है। मेट्रो ट्रेन में तोड़-फोड़ करना या ट्रैक से छेड़ खाड कर सुरक्षा से खिलवाड़ करने पर उम्रकैद के साथ-साथ फांसी तक की सजा हो सकती है। मेट्रो प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर 10 साल तक की सजा हो सकती।

सीनियर पीआरओ अमित श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा मकसद किसी को दण्डित करना नहीं है। लेकिन यात्रियों की सुरक्षा और मेट्रो परिसर में लॉ आर्डर को बरकार रखने के लिए ये दंड निर्धारित किये गए हैं।

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