हरदोई (राज प्रताप सिंह) : ‘भारत बचाओ भारत बनाओ’ मार्च के आयोजन के संदर्भ में जेएनयू के विवादित छात्र नेता कन्हैया कुमार के मंगलवार को हरदोई पंहुचने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है और आशंका जताई जा रही है कि मार्च के दौरान कन्हैया कुमार का संबोधन भी हो सकता है।
- कन्हैया कुमार के जनपद आगमन की चर्चाएं जोरों पर
- हरदोई के युवाओं ने भी विरोध के लिए तैयार की रणनीत
शहर के सोल्जरबोर्ड चौराहे पर लगी होर्डिंगों से कन्हैया कुमार के हरदोई आने की खबर को बल मिला है जिससे युवाओं में आक्रोश है और युवाओं ने भी विरोध प्रदर्शन के लिए अपने अपने कील कांटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए है। फिलहाल होर्डिंग में कार्यक्रम की रूपरेखा व आयोजकों की किस भी प्रकार की जानकारी को गुप्त रखा गया है। होर्डिंग में एक युवक का चित्र है लेकिन उसका भी नाम पता या मोबाईल नंबर होर्डिंग में नही है। हरदोई के एक युवा ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कन्हैया कुमार के मार्च को हरदोई लाने के पीछे एक कांग्रेसी नेता का हाँथ है जोकि शहर में गरीब जरूरतमंदों को भोजन बांटने का काम भी करते हैं। कन्हैया के जनपद पंहुचने से जनपद की गंगा जमुनी तहजीब को नुक्सान पंहुचने के पूरे प्रयास जताये जा रहे है। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू महासंघ से जुड़े देवव्रत मिश्रा देवा ने बताया है कि कन्हैया देश का गुनहगार है और उसके हरदोई की सीमा में घुसते ही जोरदार विरोध किया जाएगा।
यह है मार्च का उद्देश्य
सेव इंडिया-चेंज इंडिया’ के नारे के साथ वर्ष 1974 की तर्ज पर सीपीआइ के छात्र व युवा संगठन ने इस वर्ष भी युवकों तथा छात्रों की मुख्य समस्याओं को केंद्र कर देशव्यापी जन जागरण अभियान के तहत कन्याकुमारी से हुसैनावाला तक लांग मार्च शुरू किया है। ‘सेव इंडिया-चेंज इंडिया’ के नारे के तहत सीपीआइ से युवा संगठन एआइवाइएफ तथा छात्र संगठन एआइएसएफ का संयुक्त लांग मार्च जत्था आगामी 5 सितम्बर को हरदोई जिल में पंहुचेगा। लांग मार्च के जनपद में पंहुचने पर जत्था के नेताओं के साथ ही साथ जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी लोगो को संबोधित कर सकते हैं। ‘भारत बचाओ, भारत बदलो’ नारे के साथ बीते 15 जुलाई को यह लांग मार्च कन्याकुमारी (तमिलनाडू) से शुरू हुआ है जोकि 20 से भी अधिक राज्यों का भ्रमण करता हुआ यह मार्च आगामी 12 सितंबर को हुसैनीवाला (पंजाब) पहुंचेगा, जहां इसका समापन होगा। इस लांग मार्च में युवकों की समस्याओं को मुख्य रूप से केंद्रित किया गया है जिसमें श्रम नियोजनालयों में निबंधित सभी बेरोजगार युवकों को नियोजित करने, नियोजित होने तक बेरोजगारी भत्ता देने, शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव लाने तथा शिक्षा के बाजारीकरण पर रोक लगाने की मांगें शामिल है.