जालन्धर(राजीव धामी/गगनदीप सिप्पी): बीते सोमवार को सेहत विभाग द्वारा जालंधर के मॉडल टाउन स्थित प्लेनडॉरस नामक बार एवं रेस्टोरेंट में छापेमारी की गई थी।उस वक़्त सेहत विभाग को जानकारी थी कि इस बार में नौजवान लड़के लड़कियों को निकोटीन युक्त हुक्का पिलाया जाता है, जिस वजह से सेहत विभाग ने बीते सोमवार को रेड की और इस बार को सील कर दिया था।
आज फिर से सेहत विभाग की टीम इस बार में सैंपल भरने आई थी परंतु आज सेहत विभाग की टीम ने बताया कि यहां उन्हें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है परंतु एक बात हैरान कर देने वाली थी की छापेमारी वाले दिन जब बार को सील किया गया था तब वहां मौजूद वस्तुएं वैसी ही थी और जब आज सेहत विभाग की टीम ने बार की सील को खोला तो बार के अंदर का नजारा कुछ और ही था सभी वस्तुएं और हुक्के अपनी जगह से हिले एवम समान टेबल पर से ज़मीन पर बिखरा पड़ा था।
अगर मॉडल टाउन स्थित प्लान्डोर्स नामक इस बार एवं रेस्टोरेंट में ऐसा कुछ था ही नहीं तो सेहत विभाग द्वारा छापेमारी क्यों की गई?
सबसे बड़ी बात के हुक्के के सैंपल छापेमारी वाले दिन क्यों नहीं लिए गए?
सैंपल भरने की याद सेहत विभाग के अधिकारियो को छापामारी से 4 दिन बाद क्यों आई??
कहीं तो कुछ गड़बड़ घोटाला है जनाब।