रामकिशोर रावत
माल(लखनऊ) माल इलाके में आबकारी विभाग व पुलिस विभाग के रहमों करम पर क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर मानकों को दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा ताड़ी के नाम पर मिलावटी ताड़ी बेची जा रही है जिससे इलाके के नौजवानों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है ताड़ी के ठेके पर छोटे-छोटे बच्चे ताड़ी बेचते व ताड़ी पीते हुए देखे जा रहे हैं इस कारोबार की ओर कोई भी जिम्मेदार मुड़कर देखने वाला दिखाई नहीं दे रहा है और कोई बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहे हैं जिम्मेदार। माल इलाके के काकरा बाद रहटा करेद भवानीपुर गहदौ अहिडर सहित इलाके के कई जगहों पर ठेकेदारों द्वारा ताड़ के पेड़ों से ताड़ी को उतरवाकर ताड़ी को अधिक व नशीला बनाने के लिए इसमें निरमा नशीली टिकिया पानी बतासा का मिश्रण करके फिर ₹30 प्रति बोतल के हिसाब से बेचा जाता है जबकि इन ठेकेदारों के पास कोई भी लाइसेंस नहीं है और ना कोई ताड़ी के पेड़ पर नंबर पड़े हुए हैं जिसके बाद भी ठेकेदारों द्वारा ताड़ी के पेड़ के नीचे ही अवैध तरीके से मिलावटी ताड़ी बेची जा रही है नमूने के तौर पर करेंद गांव निवासी मुन्ना कश्यप ठेकेदार द्वारा गांव में ही स्थित सात पेड़ ताड़ के लेकर ताड़ी उतरवाई जा रही है जिसके बाद मिलावटी ताडी बनाने के बाद प्रतिदिन सैकड़ों बोतल मिलावटी ताड़ी बेची जा रही है। इस ठेकेदार के पास ताड़ी पियक्कड़ों का मेला लगा रहता है ठेकेदार का कहना है कि जब हम किसान को पैसा देते हैं आबकारी विभाग को भी प्रति के पेड़ के हिसाब से सुविधा शुल्क देते हैं वहीं पुलिस को भी प्रति पेड के हिसाब से पैसा देते हैं तो अगर जो असली ताड़ी बेचेंगे तो मिस्त्री का व हमारा खर्चा कहां से आएगा किसी का नुकसान हो हमें इस से क्या लेना-देना हमें तो सिर्फ पैसों से लेना देना है जबकि इस कारोबार में छोटे-छोटे बच्चे भी ताड़ी पीने वह बेचने का काम करते देखे जा रहे हैं ग्रामीणों ने बताया कि जब इस ठेकेदार के यहां ताड़ी को पीकर घर जाते हैं तो तुरंत सर में दर्द होने लगता है और 24 घंटे तक दर्द होता रहता है किसी भी समय ठेकेदारों के ठेके पर दर्जनों की संख्या में ताड़ी पीने वालों का मेला लगा रहता है सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन ठेकेदारों के पास चौबीसों घंटे ताड़ी कम नहीं पड़ती है जब आबकारी विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारियों के रहमों करम पर ताड़ी के ठेकेदारों का यह कारोबार फल फूल रहा है तो कौन करेगा कार्यवाही ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पूर्व सरकार वह वर्तमान सरकार में कोई परिवर्तन नहीं है क्योंकि जो जैसा पहले होता था वैसा ही इस समय भी हो रहा है अगर समय रहते इन मिलावटखोरों के विरोध कार्यवाही ना की गई तो क्षेत्र के लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।